उत्तर प्रदेश

दायरे में आए बिना ही निकाली थी रिकवरी

Harrison
10 Oct 2023 1:54 PM GMT
दायरे में आए बिना ही निकाली थी रिकवरी
x
उत्तरप्रदेश | दायरे में आए बिना ही सीजीएसटी की ओर से नोटिस दे दिया गया था. इस नोटिस को खत्म करते-करते पूरे दो वर्ष बीत गए. अधिकारियों से लेकर कर्मचारियों तक खूब गुहार लगा ली. इसके बाद भी नोटिस को समाप्त नहीं किया जा रहा है. इसके लिए एटा से लेकर अलीगढ़ तक न जाने कितने चक्कर लगाने पड़े. जब उनसे पैसे की डिमांड की गई तो उन्होंने सीबीआई कार्यालय गाजियाबाद में शिकायत दर्ज कराई थी.
थाना बागवाला क्षेत्र के गांव जीसुखपुर निवासी राकेश पांडेय एलआईसी एजेंट हैं. वह वर्षों से शहर और ग्रामीण क्षेत्र में काम कर रहे हैं. अलीगढ़ के सीजीएसटी कार्यालय की ओर से आठ 2021 को एक नोटिस दिया गया था. इस नोटिस में वर्ष 2016-17 का हवाला दिया गया था कि आपने टैक्स नहीं दिया है. इसमें 11 लाख रुपये अधिक पैसा कमाना बताया गया था. इस पर जीएसटी को एक लाख 70 हजार रुपये बताया गया.
राकेश पांडेय को एक नोटिस के बाद दूसरा नोटिस आया तो वह एटा के सीजीएसटी कार्यालय गए. वहां संपर्क किया तो पता चला कि यहां से नोटिस को अलीगढ़ भेज दिया गया. कुछ समय बाद वह अलीगढ़ पहुंचकर अपनी बात कहीं. इन दो वर्षों में उन्होंने छह चक्कर लगाए. अब इन्हें सुनवाई के लिए तारीखें देने लगे. राकेश ने बताया कि हर बार अधिकारी धमकी देते थे कि अगर आप यहां निस्तारण नहीं करोंगे तो फाइल लखनऊ भेज दी जाएगी. बार-बार कहने के बाद भी कोई अधिकारी इनकी सुनने को तैयार नहीं था कि वह इस कार्रवाई के दायरे में नहीं आते. धीरे-धीरे इनसे 30 हजार रुपये की रिश्वत मांगी गई. यह पैसे ही व्यवस्था नहीं कर सके. छह, सात, आठ सितंबर की तारीख सुनवाई के लिए दी गई. इस तारीख पर वह सुनवाई के लिए पहुंचे. सीजीएसटी के अधिकारियों से वार्ता शुरू हुई तो 25 हजार रुपये में फाइल का निस्तारण करना तय कर दिया गया. इन्होंने कह दिया कि अभी हमारे पास पैसे नहीं है. जब तक अगली बार आएंगे तो पैसा दे देंगे.
अभी और लोग भी है ऐसे एटा. सीजीएसटी अधिकारियों पर हुई कार्रवाई दिन भर चर्चाओं में रही. हर कोई इस कार्रवाई को सही बता रहा था. कई लोगों ने राकेश पांडेय को फोन कर जानकारी ली. स्थानीय लोगों की मानें तो अभी एटा में दो दर्जन से अधिक ऐसे लोग है जो इस तरह के नोटिसों से परेशान है. वह लोग भी आए दिन चक्कर लगा रहे है.
Next Story