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बिहार के सिवान से बरामद, देवरिया जिले से अपहृत हुए रेडीमेड व्यवसायी
देवरिया: उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले से अपहृत हुए रेडीमेड व्यवसायी को पुलिस ने बिहार से सकुशल बरामद कर लिया है। सर्विलांस के जरिए व्यवसायी की अंतिम लोकेशन बिहार के सिवान जिले में मिली थी। बरामदगी के बाद व्यापारी ने पुलिस को अपहरण की जो कहानी बताई है, वह पूरी संदिग्ध लग रही है। इलाके में भी कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं। लोगों की मानें तो व्यवसायी ने कई लोगों से काफी कर्ज ले रखा है। सच्चाई जानने के लिए पुलिस व्यापारी और उसके परिजनों से देर रात तक पूछताछ में जुटी रही, लेकिन मगर कुछ खास बात सामने नहीं आई। ऐसे में पुलिस अब यह जानने में जुटी है कि व्यापारी का अपहरण हुआ था या रुपये के लेन-देन में साजिश रची गई थी।
बघौचघाट थाना क्षेत्र के नौगांवा (पकहां) निवासी मनोज कुशवाहा पुत्र सुदर्शन बघौचघाट कस्बे में रेडीमेड का व्यवसाय करते हैं। बुधवार सुबह घर से टहलने के लिए निकले थे, लेकिन काफी देर तक घर नहीं लौटे। लगभग 10 बजे मनोज ने अपनी पत्नी के मोबाइल पर फोन कर बताया कि कुछ अनजान लोगों ने उनका अपहरण कर लिया है। उन्हें कहां रखा गया है, इस बात की जानकारी नहीं है। परिजनों ने इस बात की सूचना पुलिस को दी। परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने अपहरण का मुकदमा दर्ज कर लिया।
बिहार के सिवान जिले से पुलिस ने किया बरामद
मामला कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही के गांव से जुड़ा होने के चलते प्रशासन में खलबली मच गई। एसपी संकल्प शर्मा समेत अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे और व्यापारी की बरामदगी के लिए भागदौड़ शुरू कर दी। काफी मशक्कत के बाद बुधवार शाम को ही पुलिस ने अपहृत व्यापारी को बिहार के सिवान जिले के हसनपुरा बाजार से सकुशल बरामद कर लिया।
पुलिस बोली... झूठी लग रही है अपहरण की कहानी
बरामदगी के बाद एसपी संकल्प शर्मा ने व्यापारी और उसके परिजनों से घंटों पूछताछ की। पूछताछ में व्यापारी ने जो कहानी बताई है। पुलिस उसकी गहनता से जांच कर रही है, लेकिन व्यापारी ने अपहरण की जो कहानी बताई है, वह झूठी नजर आ रही है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, व्यापारी ने बताया कि बुधवार की सुबह बघौचघाट के धनौती गांव के पास दो लोगों ने उसे तमंचा सटा दिया। करीब पांच किमी तक पैदल लेकर गए। इसके बाद एक बस में बैठाकर बिहार के मीरगंज लेकर चले गए। वहां पहले से मौजूद दो लोगों ने कार में बैठा लिया। इसके बाद दोनों लोगों ने कहा कि मोबाइल फोन से अपने घर बता दो कि अपहरण हो गया है। व्यापारी ने बताया कि बदमाश उसे लेकर इधर-उधर घूमते रहे, फिर सिवान जिले के हसनपुर बाजार के पास छोड़ कर चले गए। हालांकि, पुलिस को उसकी इस कहानी पर विश्वास नहीं हो रहा है।
वहीं, पुलिस के मुताबिक एक तो घटना स्थल ग्रामीण क्षेत्र में है। जहां खेती के सीजन की वजह से हमेशा लोगों का आना-जाना लगा रहता है। दूसरा, अगर अपहरण हुआ तो बदमाशों ने थोड़ी देर बाद ही उसे छोड़ कैसे दिया। व्यवसायी की बरामदगी के बाद तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं। व्यवसायी के सट्टा खेलने के कारण कर्जदार होने की बात भी सामने आ रही है। लोगों की मानें तो दो दिन पहले व्यवसायी ने गांव में कहा था कि कर्ज होने के कारण कभी भी गांव छोड़ना पड़ सकता है। पुलिस इस बिंदु की भी जांच कर रही है। एसओ उपेंद्र मिश्र ने बताया कि अपहरण की कहानी झूठी लग रही है। यह पूरी तरह साजिश नजर आ रही है। पुलिस सच्चाई जानने में जुटी है।