उत्तर प्रदेश

रक्षाबंधन पर मिला 10 लाख का आर्डर, काशी की गुलाबी मीनाकारी चाइनीज राखी को दे रही मात

Admin4
9 Aug 2022 5:28 PM GMT
रक्षाबंधन पर मिला 10 लाख का आर्डर, काशी की गुलाबी मीनाकारी चाइनीज राखी को दे रही मात
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वाराणसी : यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से वाराणसी के जीआई(Geographical Indications) उत्पादों की मांग घरेलू व अंतरराष्ट्रीय बाजार में लगातार बढ़ रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के जीआई उत्पादों में प्रमुख गुलाबी मीनाकारी से बने उत्पाद को मोदी-योगी के प्रयासों के बड़ा बाजार मिला है. यह बाजार महिलाओं को बड़ी तादात में रोजगार उपलब्ध करा रहा है. अब ये हैंडीक्राफ्ट उत्पाद चाइना के उत्पादों को भी मात देने लगा है. रक्षाबंधन के पर्व पर वाराणसी में निर्मित गुलाबी मीनाकारी की राखियों की डिमांड देश-विदेश से आ रही हैं.

बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिल्पियों के हुनर को बढ़ावा देने के लिए अपील की थी, कि त्योहारों व अन्य अवसरों पर लोग अपने प्रियजनों को ग्राफिकल इंडीकेटर (GI) और ओडीओपी(ODOP) के उत्पाद उपहार में दें. वाराणसी के सांसद और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी काशी की गुलाबी मीनाकारी के उत्पादों को विदेशी दौरों पर अन्तरराष्ट्रीय नेताओं को तोहफे के रूप में दे चुके हैं..

राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता कुंज बिहारी ने बताया कि गुलाबी मीनाकारी की राखी की मांग घरेलू और विदेशी मार्केट में बढ़ी है. रक्षाबंधन के मौके पर अमेरिका समेत कई देशों और घरेलू बाजार से करीब 10 लाख रुपये से अधिक का आर्डर मिला है. जिससे 500 से अधिक महलाओं को रोजगार मिला है. पार्ट टाइम काम करके महिलाएं रोजाना 200 से 500 रुपये कमा रहीं हैं.

कुंज बिहारी बताते हैं कि चाइना की राखी की जगह इस बार बहनें अपने भाई की कलाई पर हैंडमेड गुलाबी मीनाकारी की राखी बांधना ज्यादा पसंद कर रही हैं. गुलाबी मीनाकारी की राखी में चांदी का काम किया जाता है. इस राखी की खासियत यह है कि बाद में इसे लॉकेट(पेन्डेन्ट) और ईयर रिंग की तरह भी इस्तेमाल किया जा सकता है.

वाराणसी के संयुक्त आयुक्त उद्योग उमेश सिंह ने बताया कि पीएम मोदी और यूपी के सीएम योगी द्वारा राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय मेहमानों को काशी की धरोहर हैंडीक्राफ्ट उत्पादों को गिफ्ट देने से इसकी मांग विश्व भर में बढ़ी है. इसके साथ ही चाइनीज उत्पादों की मांग भी काफी घटी है. साथ ही शिल्पियों, खासतौर पर महिलाओं को रोजगार भी मिल रहा है.

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