उत्तर प्रदेश

राशन की घटतौली और हर माह राशन न बांटने की शिकायत लेकर एसडीएम के पास पहुंची

Admin4
6 Sep 2022 1:40 PM GMT
राशन की घटतौली और हर माह राशन न बांटने की शिकायत लेकर एसडीएम के पास पहुंची
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मंगलवार को उस समय तहसील में हड़कंप मच गया, जब गांव समसपुर की कई दर्जन महिलाएं कोटा डीलर की ओर से कम राशन देने व अभद्र व्यवहार करने का आरोप लगाया। महिलाएं खाद्यान्न राशन की घटतौली और हर माह राशन न बांटने की शिकायत लेकर एसडीएम के पास पहुंची। एसडीएम के न होने पर उन्होंने तहसील गेट पर ही बैठकर नारे बाजी शुरू कर दी।
घटतौली करने का आरोप
दोपहर की तपती गर्मी में गोद में लिए दूधमुंहे बच्चे को लेकर ग्रामीण महिलाएं अपना हक मांगने पंहुची जिसे कोटा डीलर डकार कर हजम कर रहा है। कोटा डीलरों पर आए दिन घटतौली के आरोप लगते रहते हैं। दूर दराज से आने वाले ग्रामीणों के कार्ड नही बन पाते हैं। रिश्वत लेकर काम होता है, जबकि कार्रवाई नाम मात्र की होती है।
महिलाओं का आरोप है कि गांव की कोटा डीलर चना, गेंहू, नमक, रिफाइंड, चावल आदि नही दे रही हैं और प्रत्येक माह राशन भी वितरण नही करती हैं। हमे राशन भी नही देती हैं और कार्डो पर चढ़ा देती हैं। साथ ही राशन की घटतौली करती हैं।
कोटा डीलर के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई करने की मांग
महिलाओं ने नारेबाजी करते हुए कहा कि हमें कोटा डीलर पूरा गल्ला नहीं दे रही है, हमें पूरा राशन चाहिए। महीने में सब को राशन नहीं मिलता है। महिलाओं ने कहा कि कोटा डीलर की दुकान की जांच हो। इसके अलावा महिलाओं ने कोटा डीलर के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई करते हुए दुकान निरस्त कराने की मांग की। साथ ही गल्ला पूरा माफ कर दिलवाने का अनुरोध किया।
अभद्र व्यवहार करने का आरोप
महिलाओं का यह भी आरोप था कि कोटा डीलर द्वारा उनके साथ अभद्र व्यवहार किया जाता है। उनकी पर्ची फाड़कर फेंक दी जाती है। महिलाएं जब गल्ला लेने जाती हैं तो कोटा डीलर सरिता देवी गल्ला दुकान से भाग जाने की बात कहती हैं। इस दौरान कल्लो देवी, मीनाक्षी, बाबूराम, कृष्णा देवी, ओमवती, प्रेमवती,भोज राम, राम श्री, मोहित वर्मा,छोटेलाल पूनम,हरिराम, शांति देवी, सहित कई दर्जन महिलाएं उपस्थित रहे।
24 किलो में मात्र 20 किलो ही गल्ला
कार्ड धारक ग्रामीण ओमवती ने बताया कि कोटा डीलर द्वारा राशन नहीं दिया जाता है हम अपने छोटे-छोटे बच्चों को घर पर छोड़कर राशन लेने के लिए कोटा डीलर के यहां लंबी-लंबी लाइनें लगाते हैं। हमें 24 किलो में मात्र 20 किलो ही गल्ला मिलता है। कोटा डीलर ने रिफाइन्ड नहीं दिया तो हमने पूछा कि आप हमें रिफाइंड क्यों नहीं दे रही हो तो कोटा डीलर ने कहा जैसे हम विधवा हैं वैसे ही आप भी विधवा हो जाओ, 10 मिनट मशीन चलाती हैं और पर्ची फाड़ कर फेंक देती हैं।
ग्रामीण नन्ही देवी ने कहा कि कोटा डीलर गल्ला नहीं देती है 8 दिन हो गए कोटा डीलर के पास जाते जाते हैं ग्रामीण अपनी मजदूरी व जरूरी काम छोड़कर राशन लेने कोटा डीलर के पास जाते हैं।हमे गल्ला नहीं मिलता है।हम जैसे गरीब इसी पर जी रहें है तो हमें गल्ला नहीं मिलेगा तो हम क्या खाएगे, गांव में रिफाइंड 10 या 20 लोगों को ही मिलता है बाकी कोटा डीलर द्वारा हजम कर लिया जाता है।
मिनाक्षी देवी ने बताया कि पूरा गल्ला नहीं मिलता है 20 किलो में 18 किलो ही गल्ला देती हैं रिफाइंड, चना नहीं देती हैं पूछने पर क्रोधित होकर हमारी पर्ची फाड़ देती हैं प्रत्येक माह वितरण नहीं होता है एक माह गायब करने के बाद दूसरे माह वितरण करती हैं।
पूर्ति निरीक्षण मीरगंज सुनील कुमार भटनागर का कहना है कि सभी ग्रामीण महिलाओं के बयान दर्ज किए जा रहे हैं।गांव जाकर भी स्थलीय निरीक्षण किया जाएगा यदि वितरण गलत पाया जाता है कोटा डीलर के खिलाफ कठोर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
ए.आर. ओ.ने जाकर महिलाओं को हड़काया
जब आक्रोशित महिलाएं तहसील गेट पर बैठकर नारे बाजी कर रही थी उस समय महिलाओं का पारा चढ़ गया। ए. आर. ओ. विवेक श्रीवास्तव मौके पर पहुंच गये, और महिलाओं व पुरुषों से समस्या पूछने के बजाय झगड़ने लगे। आक्रोशित महिलाएं बोली यदि हमारी मांग पूरी नहीं होगी,कोटा डीलर पर कार्यवाही नहीं होगी, और हमें पूरा राशन नहीं मिलेगा तब तक हम कोई भी प्रदर्शन करेंगे। इस पर ए. आर. ओ.भड़क गए और ग्रामीणों को हड़काने लगे।बोले सीओ को बुलाकर कार्रवाई कराई जाएगी। महिलाएं बोली जब तक हक नही मिलेगा। कोटा डीलर पर करवाई नही होगी हम नही मानेगे।
शिकायत रोकते हैं कोटा डीलर
आपूर्ति विभाग का आलम यह है कि संपूर्ण समाधान के दिन अधिकारी जन समस्याओं को सुन रहे होते हैं। उस दौरान पूर्ति कार्यालय का स्टाफ व पूर्ति निरीक्षक के चहेते कोटा डीलर राशन से संबंधित शिकायतों को अंदर जाने नहीं देते हैं। वहीं, गेट पर रोक कर ग्रामीणों से प्रार्थना पत्र ले लेते हैं और उनको कहते हैं आप जाइए आप का समाधान हो जाएगा।
बैठकर निपटाते हैं कामकाज
चहेते कोटा डीलर पूर्ति कार्यालय में बैठकर कार्यालय का कामकाज निपटाते हैं। शिकायतों के निस्तारण में मदद करते हैं फाइलें इधर-उधर व अन्य सभी कार्य बैठकर करते हैं।
बिना सुविधा शुल्क के नही बनता राशन कार्ड
राशन कार्ड चाहे वह पात्र गृहस्थी हो अंतोदय या अन्य योजना का हो उसे बनवाने के लिए लोगों की चप्पल घिस जाती है और नहीं बन पाता है। गरीबों के हक पर पैसे वाले डाका डालते हैं। सुविधा शुल्क देकर अपना राशन कार्ड बनवा लेते हैं और पात्र गरीब व्यक्ति दरबदर भटकते रहते है। उनकी कही सुनवाई नही होती।
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