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17 किलोमीटर का होगा रैपिड रेल का 'फाइनल ट्रायल रन'
मेरठ: देश की पहली सेमी हाई स्पीड रैपिड रेल के फाइनल ट्रायल रन की तैयारियां लगभग पूर्ण कर ली गई हैं। रैपिड प्रोजेक्ट से जुड़े तमाम इंजीनियर्स, अधिकारी और बाकी सभी कर्मचारी भी फाइनल ट्रायल रन से पूर्व की गतिविधियों को फाइनल टच देने में लगे हुए हैं। एनसीआरटीसी से जुड़े सूत्रों के अनुसार फाइनल ट्रायल रन 17 किलोमीटर का होगा और इस बीच रेल सभी पांच स्टेशनों पर रुकेगी। रेल दुहाई और साहिबाबाद के बीच कितना समय लेगी यह अभी तय नहीं है क्योंकि ट्रायल रन के दौरान रेल कहीं तेज गति से तो कहीं धीमी गति से भी दौड़ेगी। फाइनल ट्रायल दिसम्बर के बिल्कुल आखिर या हद से हद जनवरी के प्रथम सप्ताह में कर लिया जाएगा। बताते चलें कि एनसीआरटीसी को अब तक 4 रेल सेट मिल चुके हैं। उधर एनसीआरटीसी अधिकारियों के अनुसार जब रेल 17 किलोमीटर के दायरे में ट्रायल रन के लिए दौड़ेगी तो वो कुल पांच स्टेशनों को कवर करेगी और यहां रुकेगी भी। पहला स्टेशन साहिबाबाद का होगा जबकि दूसरा स्टेशन गाजियाबाद होगा।
तीसरा स्टेशन गुलधर, चौथा स्टेशन दुहाई व पांचवां स्टेशन दुहाई डिपो होगा। रैपिड सूत्रों के अनुसार रेल की अधिकतम रफ्तार वैसे तो 180 किलोमीटर प्रतिघंटा है, लेकिन रेल ट्रायल रन व उसके बाद भी अपनी औसत गति से दौड़ेगी। रेल की औसत गति भी 100 किलोमीटर प्रतिघंटा है। ट्रायल रन की तिथि हांलाकि अभी घोषित नहीं हुई है, लेकिन एनसीआरटीसी अधिकारी इस पर लगातार माथापच्ची कर रहे हैं।
ट्रायल रन के दौरान रैपिड 17 किलोमीटर का सफर कितने समय में पूरा करेगी? इस पर भी सबकी नजर रहेगी। हांलाकि इस संबध में रैपिड से जुड़े अधिकारियों ने कहा कि चूंकि ट्रायल रन के दौरान रेल आॅपरेशन्स से जुड़े विभिन्न बिन्दुओं पर फोकस किया जाना है लिहाजा रेल की गति कम व ज्यादा भी होगी तो इसी लिहाज से मुख्य ट्रायल रन के दौरान समय सीमा का कोई बंधन नहीं होगा। कुल मिलाकर अब रैपिड अधिकारियों के साथ साथ आम लोगों को भी रैपिड का इंतजार है।
प्रायोरिटी सेक्शन पर ट्रैक बिछाने का काम पूरा: दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के 17 किमी लंबे प्रायोरिटी सेक्शन पर ट्रैक बिछाने का कार्य पूरा कर लिया गया है। इस सेक्शन में आरआरटीएस को परिचालित करने के लिए लगभग 34 किलोमीटर का ट्रैक (17 किमी वायाडक्ट) बिछाया गया है।
इसके साथ ही प्रायोरिटी सेक्शन में ओएचई और सिग्नलिंग का कार्य भी तेज गति से चल रहा है। रैपिड अधिकारियों के अनुसार अब तक वायाडक्ट पर 75 प्रतिशत से ज्यादा ओवर हेड इक्विपमेंट (ओएचई) के इंस्टॉलेशन का काम पूरा कर लिया गया है।
आरआरटीएस अधिकारियों ने बताया कि ट्रैक के ऊपर लगाए जा रहे ओएचई का 25000 वोल्ट की क्षमता के साथ विद्युतीकरण (चार्ज) किया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रायोरिटी सेक्शन के संचालन के लिए विद्युत आपूर्ति के लिए यूपी में उत्तर प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीटीसीएल) से करार किया गया है। उधर, ट्रैक बिछाने का कार्य पूरा होने के साथ ही एनसीआरटीसी ने आरआरटीएस के क्रियान्वयन की दिशा में एक अहम पड़ाव पार कर लिया है।
एनसीआरटीसी अधिकारियों ने बताया कि प्रायोरिटी सेक्शन के स्टेशनों पर एस्कलेटर्स और लिफ्ट्स के इंस्टालेशन का कार्य युद्ध स्तर पर जारी है, साथ ही इन सभी स्टेशनों की फिनिशिंग करके इन्हें अंतिम रूप दिया जा रहा है। यात्री सुविधाओं और काउंटर्स का निर्माण भी अंतिम चरण में है।
उल्लेखनीय है कि दुहाई डिपो पहुंच चुकी चारों रैपिड ट्रेनों की इस समय विभिन्न डायनेमिक और स्टेटिक टेस्टिंग की जा रही है। इसके अलावा एनसीआरटीसी ने एलटीई कम्युनिकेशन नेटवर्क पर यूरोपीय ट्रेन कंट्रोल सिस्टम (ईटीसीएस) लेवल 2 सिग्नलिंग प्रणाली के साथ आरआरटीएस ट्रेनसेट की डायनेमिक टेस्टिंग भी सफलतापूर्वक पूरी कर ली है।