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दुष्कर्म पीड़िता किशोरी ने सही तरीके से जांच न होने पर घर में लगाई फांसी
उत्तर प्रदेश के अंबेडकरनगर जिले के मालीपुर थानाक्षेत्र में दुष्कर्म पीड़िता किशोरी ने घर में फांसी लगाकर बुधवार सुबह जान दे दी. इससे गांव सहित शासन-प्रशासन में हड़कंप मच गया. जब पुलिसकर्मी शव ले जाने लगे तो ग्रामीणों ने तीन आरोपियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग की. उन्होंने पुलिस को शव न ले जाने को कह दिया. वहीं, यूपी कांग्रेस ने इस मसले पर ट्वीट कर इसे नया रुख दे दिया है.
दो अधिकारियों पर गिरी गाज
दरअसल, इस पूरे मामले में परिजनों ने मीडिया को बताया कि उस किशोरी ने कहा था कि यदि गिरफ्तारी जल्द न हुई तो वह आत्महत्या कर लेगी. इस मामले में पुलिस मंगलवार को किशोरी से मुलाकात करने गई थी. पीड़िता के आत्महत्या कर लेने के बाद मामला तूल पकड़ने लगा. बुधवार दोपहर में थानाध्यक्ष मालीपुर चंद्रभान यादव को लाइन हाजिर और विवेचक दरोगा प्रमोद खरवार को निलंबित कर दिया गया है. जिलाधिकारी सैमुअल पॉल एन ने गांव पहुंचकर यह जानकारी जब ग्रामीणों को दी तब जाकर उनका गुस्सा शांत हो सका. इसके बाद शाम को पुलिस टीम पोस्टमार्टम के लिए शव ले जा सकी. जिलाधिकारी ने सीडीओ की अध्यक्षता में एएसपी और एसडीएम जलालपुर की टीम से पूरे प्रकरण की जांच करने का ऐलान किया. शासन से परिवार को आर्थिक सहायता दिलाने का भी भरोसा किया गया है.
वहीं, उत्तर प्रदेश कांग्रेस की ओर से इस मामले में आधिकारिक ट्वीटर अकांउट से ट्वीट कर कहा गया, 'अम्बेडकरनगर के एक गांव से लड़की का अपहरण करके उसे दो दिन तक लखनऊ के एक होटल में रखकर गैंगरेप किया गया. इसके बाद पुलिस ने पीड़िता पर न्याय न मांगने के लिए इतना दबाव बनाया कि आज उसने आत्महत्या कर ली. सोचिये! यह कैसा रामराज्य है, जिसमें 'दशहरे' के दिन न्याय मांगती बेटी मार दी गयी?'