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समस्याओं को लेकर उठाई मांग, भाकियू चढूनी गुट ने किया प्रदर्शन

विभिन्न समस्याओं को लेकर मंगलवार को भारतीय किसान यूनियन चढूनी गुट के पदाधिकारी और कार्यकर्ता मंगलवार को लोक निर्माण विभाग के गेस्ट हाउस में एकत्र हुए। गेस्ट हाउस परिसर में बैठक के बाद यूनियन के लोग कलक्ट्रेट पहुंचे जहां विरोध-प्रदर्शन किया।
उसके बाद मांगों को लेकर डीएम को संबोधित प्रशासनिक अफसर को ज्ञापन सौंपा। चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो आगे बड़ा आंदोलन किया जाएगा, जिसकी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी। यूनियन के पदाधिकारियों ने कहा कि लगातार किसानों की अनदेखी की जा रही है, जो अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
यूनियन के पदाधिकारियों ने कहा कि धान की फसल मंडियों में आ रही है, जो कि 1400-1500 रूपये के भाव से खरीदी जा रही है। राईस मिलर्स एमएसपी से बहुत कम में खरीदते हैं। बाद में जिन किसानों से धान खरीदा जाता है, उनका पंजीकरण करवाकर खरीद एजेंसियों से भुगतान किसान के खाते में करवा दिया जाता है।
अधिकतर क्रय एजेंसियां राइस मिलर्स के दलालों के पास होती है। किसान अपना धान सुखाकर क्रय केंद्रों पर बेचना चाहता है, लेकिन उसने 300 से 400 रुपये प्रति क्विंटल तक रिश्वत मांगी जाती है। अगर रिश्वत नहीं देता तो उन्हें धमकाया जाता है। जिसकी कोई सुनवाई भी नहीं होती है। उल्टा किसान को ही झूठा इल्जाम लगाकर फंसा दिया जाता है। विरोध प्रदर्शन के दौरान यूनियन के बलविंदर सिंह, तरविंदर सिंह, हरप्रीत सिंह, त्रिलोक सिंह, मनोज कुमार, बबलू, गुरुप्रीत सिंह, ईश्वर पाल, सुखविंदर सिंह, जोगेंद्र सिंह, हरपिंदर सिंह, बालकराम आदि मौजूद रहे।
प्रतिदिन कराई जाए समीक्षा
ज्ञापन के माध्यम से यूनियन के पदाधिकारियों ने मांग कि एक अक्टूबर से शुरू होने वाली धान खरीद का सत्यापन प्रत्येक दिन कराया जाए। साथ ही खरीदार के स्टाक भी सत्यापन हो। धान खरीद के दौरान मंडियों में एक मजिस्ट्रेट एवं पुलिस की तैनाती किए जाए। कहा कि मकसूदापुर चीनी मिल अगर किसानों का बकाया गन्ना भुगतान करने में असमर्थ है, तो दूसरी चीनी मिलों को परिवर्तित कर दिया जाए।
क्रय केंद्रों की सीसीटीवी से हो निगरानी
यूनियन के पदाधिकारियों ने कहा कि धान हो या गेहूं खरीदारी के दौरान किसानों को परेशान किया जाता। अगर किसान विरोध करते हैं तो उन्हें धमकाया जाता है। मांग कि सभी केंद्रों पर सीवीटीवी लगाए जाए, ताकि खरीद के दौरान होने वाले गतिविधियों पर नजर रखी जाए। साथ ही किसानों को मंडी गेट पर ही टोकन दिया जाए। ग्रामीण क्षेत्रों में क्रय केंद्र आवंटित किए जाए, जो कि लघु सीमांत किसानों को क्रय केंद्र तक पहुंचने में आसानी हो।
समय पर उपलब्ध कराई जाए खाद
जिले में डीएपी, एनपीए आदि की किल्लत है, जो किसानों को समय पर नहीं मिल पाती है। मांग कि किसानों को डीएपी और एनपीके समय पर उलब्ध कराया जाए। कहा कि किसानों के लिए आवारा पशु समस्या बने है। पशुओं की वजह से किसानों का काफी नुकसान होता है। ऐसे में पशुओं से निजात दिलाई जाए। साथ ही पशुओं द्वारा फसल नुकसान का मुआवजा दिया जाए।
न्यूज़ क्रेडिट: amritvichar