- Home
- /
- राज्य
- /
- उत्तर प्रदेश
- /
- ठंड में सहारा बन रहे...
ठंड में सहारा बन रहे नगरपालिका के रैन बसेरा, पुरुष-महिलाओं के लिए अलग-अलग व्यवस्था
मवाना: कड़ाके की ठंड शुरू हो गई है। रात को बाहर से आने वाले लोगों को छत की तलाश रहती है। नगरपालिका द्वारा तहसील वीवीआईपी रोड स्थित अंबेडकर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर महिलाओं एवं पुरुषों के लिए रैन बसेरा को खोला गया तो वहीं, दूसरी ओर नगरपालिका के सीएचसी में खोला गया रैन बसेरा पर एंबुलेंस चालकों का डेरा डाल रखा है। जिसके चलते गरीबों के लिए खोले गये रैन बसेरा का सहारा बेसहारा बन गया है।
तहसील रोड पर बने रैन बसेरा में दिसंबर से बुधवार तक करीब 25 लोग रुक चुके हैं। प्रतिदिन एक या दो व्यक्ति आता है। जिसमें प्रवासी कामगार व आसपास क्षेत्र के लोग होते हैं। गुरुवार को जनवाणी संवाददाता ने रैन बसेरा में व्यवस्थाओं का ग्राउंड जीरो पर रियलिटी चेक किया। इस दौरान वीवीआईपी तहसील रोड स्थित अंबेडकर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में बने रैन बसेरा में ठहरने की व्यवस्था के साथ अलाव, नहाने एवं कोविड की गाइडलाइन का पालन आदि के लिए मास्क एवं सैनिटाइजर आदि समुचित व्यवस्था मिली।
इसी क्रम में नगरपालिका प्रशासन द्वारा सीएचसी में बनाए गए दूसरे रैन बसेरा में गरीबों को ठहरने के बजाए एंबुलेंस चालकों का रैन बसेरा में डेरा डाला हुआ मिला। एक रैन बसेरा में रुकने के साथ सर्दी से निजात दिलाने के सभी व्यवस्था चाक-चौबंद मिली। रैन बसेरा में ठहरने वाले प्रवासियों के नहाने के लिए गर्म पानी की व्यवस्था है। रैन बसेरा में पुरुष-महिलाओं की व्यवस्थाएं देखने वाले दंपति धर्मपाल सिंह एवं संगीता ने बताया कि रेन बसेरा खुलने का समय शाम को 5:30 बजे रखा गया है और सुबह 7:00 बजे तक खुला रहता है। अगर ठंड ज्यादा हो तो सुबह 8:00 बजे तक भी खुला रहता है।
रैन बसेरा में एक साथ 30 लोगों के ठहरने की व्यवस्था है। पलंग, गर्म बिस्तर और कंबल की व्यवस्था है। नहाने के लिए गर्म पानी दिया जाता है। एसडीएम अखिलेश यादव ने बताया कि रैन बसेरा में निगरानी के लिए नगरपालिका हेड लिपिक लाखन चौहान एवं जेई को नोडल अधिकारी के रूप में लगाया गया है। समय-समय पर वह भी रैन बसेरा का निरीक्षण करते हैं ताकि रात को यहां रुकने वाले लोगों को किसी तरह की परेशानी न हो। अगर कोई बाहर का व्यक्ति शाम के समय उन्हें मिलता है तो उसे रात को रुकने के लिए रैन बसेरा भेज देने का भी काम किया जा रहा है।
आधार कार्ड पर रैन बसेरा में प्रवेश: गरीब व बेसहारा लोगों को ध्यान में रखते हुए जिला मुख्यालय के साथ ही तहसील क्षेत्रों में रैन बसेरों की व्यवस्थाएं संचालित हो चुकी है। रैन बसेरों में रूकने वाले प्रवासियों को आधार कार्ड के साथ मोबाइल नंबर आदि लेकर ही रजिस्टर में एंट्री कर उनको ठहराया जा रहा है।
नगरपालिका में मात्र दो रैन बसेरे: सर्दी के मौसम में सड़क किनारे फुटपाथों पर लेटने वाले लोगों को रातें काटना काफी मुश्किल होता है। हालत यह है कि सर्दी से बचाव के लिए नगरपालिका प्रशासन ने रैन बसेरों की व्यवस्था करता है। नगर की वीवीआईपी रोड पर दो रैन बसेरा खुले है लेकिन सीएचसी में खुले रैन बसेरा पर गरीब और बेसहारा की जगह एंबुलेंस चालकों ने अपना डेरा डाल रखा है। जोकि शर्मनाक बात है। एसडीएम अखिलेश यादव ने बताया कि गरीबों को रुकने के लिए रजाई गद्दा की व्यवस्था की गई है। रात के समय गरीब व बेसहारा रुक सकें। जिससे सर्दी में उन्हें परेशानी न हो।