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उत्तर प्रदेश
रेलवे का बड़ा फैसला : ट्रेन गार्ड कहलाएंगे मैनेजर, वर्षों पुरानी मांग अब पूरी हुई , ग्रेड पे से तय होगा पदनाम
Renuka Sahu
15 Jan 2022 3:08 AM GMT
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फाइल फोटो
रेलवे के गार्ड अब ट्रेन मैनेजर कहलाएंगे। रेलवे बोर्ड ने सभी जोनल महाप्रबंधकों को इस सम्बंध में दिशा-निर्देश जारी कर दिया है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। रेलवे के गार्ड अब ट्रेन मैनेजर कहलाएंगे। रेलवे बोर्ड ने सभी जोनल महाप्रबंधकों को इस सम्बंध में दिशा-निर्देश जारी कर दिया है। 1900 ग्रेड पे पर तैनात असिस्टेंट गार्ड अब असिस्टेंट पैसेंजर ट्रेन मैनेजर, 2800 ग्रेड पे पर तैनात गुड्स गार्ड अब गुड्स ट्रेन मैनेजर, 4200 ग्रेड पे पर तैनात सीनियर गुड्स गार्ड अब सीनियर गुड्स ट्रेन मैनेजर, 4200 ग्रेड पे पर तैनात सीनियर पैसेंजर गार्ड अब सीनियर पैसेंजर ट्रेन मैनेजर तथा 4200 ग्रेड पे पर तैनात एक्सप्रेस गार्ड अब एक्सप्रेस ट्रेन मैनेजर कहलाएंगे।
गार्डों का नाम बदलने को लेकर रेलवे कर्मचारी संगठन लगातार मांग कर रहे थे। आल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन ने बोर्ड के साथ बैठक में इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था। बोर्ड ने एआईआरएफ की मांग को स्वीकार भी कर लिया था। एआईआरएफ के संयुक्त महामंत्री व एनई रेलवे मजदूर यूनियन के महामंत्री केएल गुप्त ने रेलवे बोर्ड के इस निर्णय का स्वागत किया है। उन्होंने कहा है कि नए पद नाम से गार्डों का सम्मान बढ़ेगा। पद नाम बदलने पर आल इंडिया रेलवे गार्ड काउंसिल ने भी रेलवे बोर्ड के प्रति आभार जताया है। वहीं पीआरकेएस के महामंत्री ने बताया फेडरेशन गार्डों के नाम में बदलाव को लेकर कई वर्षों से मांग कर रहा था। एनएफआईआर के द्विवार्षिक सम्मेलनों में भी इसकी मांग उठती रही एवं एनएफआईआर के महामंत्री डॉ. राघवैया ने इसे अपने पीएनएम मिनट्स में भी रखा था। इन्हीं कोशिशों के चलते आखिरकार सफलता मिल ही गई। उन्होंने सभी गार्डों को बधाई दी है।
जहाज की तरह 40 बोगियों में लगे वैक्यूम ग्रीन टॉयलेट
हवाई जहाज की तर्ज पर ट्रेन की बोगियों में भी बायो टायलेट की जगह इको फ्रेंडली बायो वैक्यूम ग्रीन टायलेट लगाए जाएंगे। पूर्वोत्तर रेलवे के 40 कोच में ग्रीन टायलेट लग गए हैं। 200 कोच में लगाने की तैयारी चल रही है। पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने बताया कि इज्जतनगर स्थित यांत्रिक कारखाने में 18 जोड़ी कोच में बायो टायलेट फिटमेंट का कार्य किया जा रहा है। शौचालयों की बेहतर सफाई सुनिश्चित करने के लिए प्रेशराइज्ड फ्लशिंग सिस्टम लगाए जा रहे हैं। मैकेनाइज्ड कोच क्लीनिंग के तहत गोरखपुर सहित 12 कोचिंग डिपो में गाड़ियों की सफाई-धुलाई हो रही है। बनारस में आटोमेटिक कोच वाशिंग प्लांट कार्य करने लगा है। 59 ट्रेनों में आनबोर्ड हाउस कीपिंग सर्विस शुरू है। इस सर्विस के तहत चलती ट्रेन में भी कोच की सफाई हो रही है। गोरखपुर सहित 40 स्टेशनों पर पे एंड यूज प्रसाधन केंद्र की सुविधा उपलब्ध है। गोरखपुर, वाराणसी, बनारस, काशीपुर, काठगोदाम, रूद्रपुर सिटी हल्द्वानी में मशीनें लगा दी गई हैं।
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