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- राधारमण सात मंदिरों...
वृंदावन भगवान कृष्ण की भूमि है यहां कई ऐसे मंदिर है जहां उपस्थित विग्रह स्वयं प्रकट हैं, जिनके दर्शन करने के लिए पूरे विश्व से लाखों श्रद्धालु प्रतिदिन ब्रज में आते हैं। ऐसा ही एक मंदिर है वृंदावन का राधारमण मंदिर, जहां भगवान राधारमण के विग्रह को प्रकट करने वाले संत गोपाल भट्ट गोस्वामी जी का तिरोभाव महोत्सव मनाया जा रहा है।
वृंदावन का श्री राधारमण मंदिर सप्त देवालयो में से एक है और वृन्दावन के प्राचीनतम मंदिरों में शामिल है। मंदिर में विराजमान श्री राधारमण जी के विग्रह को चैतन्य महाप्रभु के शिष्य गोपाल भट्ट गोस्वामी जी ने प्रकट किया था। गोपाल भट्ट जी भगवान कृष्ण के अनन्य भक्त थे साथ ही वह वृंदावन के छः प्रमुख गौडीय गोस्वामियों में भी शामिल थे।
6 जुलाई से 9 जुलाई तक धियों-धियों उत्सव
मंदिर सेवायत चंद्रमणि गोस्वामी ने बताया कि जिस दिन गोस्वामी जी ने अपना शरीर त्याग किया था उसी दिन के उपलक्ष्य में मंदिर में गोपाल भट्ट जी का तिरोभाव महोत्सव मनाया जाता है। जो की इस साल 6 जुलाई से 9 जुलाई तक चलेगा। जिसे धियों-धियों उत्सव भी बोला जाता है। उन्होंने बताया कि- यह उत्सव मंदिर के मुख्य उत्सवों में से एक है, जिसमें सबसे पहले वैष्णव भक्तों द्वारा कीर्तन किया जाता है। जिसे अधिवास बोला जाता है। दूसरे दिन मंदिर में मुख्य महोत्सव का आयोजन किया जाता है। जिसमें गोस्वामी जी की समाधि का सभी सेवायत पूजन करते है और इसी दिन राधारमण भगवान फूल बंगले में विराजमान हो कर भक्तों को दर्शन देते है।
500 वर्ष से भी अधिक पुराने है वस्त्र
मंदिर सेवायत जयतिकृष्ण गोस्वामी ने आगे बताया कि- इस दिन सबसे विशेष दर्शन होते हैं। गोपाल भट्ट जी के वस्त्रों को स्वयं चैतन्य महाप्रभु ने मंदिर स्थापना के समय उन्हें भेंट किए थे। जिसमें गोस्वामी जी की चादर, ओढ़ना, वहरवास, तानिया आदि वस्त्र शामिल हैं। जो की 500 वर्ष से भी अधिक पुराने हैं। इनके दर्शन वर्ष में केवल 5 बार ही होते है। जिनमें तिरोभाव महोत्सव के दिन वस्त्रों के दर्शन भक्तों को प्राप्त होते हैं।