- Home
- /
- राज्य
- /
- उत्तर प्रदेश
- /
- यूपी में सवाल दर सवाल...
उत्तर प्रदेश
यूपी में सवाल दर सवाल ने धीमी की कई फाइलों की चाल, सड़कों की 23 बड़ी परियोजनाओं पर लगा 'जंगल' का ब्रेक
Renuka Sahu
2 July 2022 5:38 AM GMT
x
फाइल फोटो
यूपी में सड़कों की 23 बड़ी परियोजनाओं पर ‘जंगल’ का ब्रेक लग गया है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। यूपी में सड़कों की 23 बड़ी परियोजनाओं पर 'जंगल' का ब्रेक लग गया है। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) को एनओसी न मिल पाने से इन पर काम आगे नहीं बढ़ पा रहा है। इनमें अप्रैल-2021 से पेंडिंग मामले भी है। एनएचएआई के अधिकारियों का कहना है कि हर बार फाइल पर कोई नया सवाल (क्वेरी) लगा दिया जाता है, जिससे परियोजनाओं में विलंब हो रहा है। पहली बार में ही सभी सवाल एक साथ पूछ लिए जाएं तो फाइल की रफ्तार काफी बढ़ सकती है।
बागपत में एनएच-709 ए के मेरठ-शामली-हरियाणा बॉर्डर तक फोर लेन परियोजना के लिए 10 अप्रैल 2021 को फॉरेस्ट क्लीयरेंस के लिए आवेदन किया गया था, लेकिन अभी तक मामला अटका हुआ ही है। इस आवेदन पर इस साल पहले 27 अप्रैल को और फिर 24 मई को क्वेरी लगाई गई। बागपत परियोजना इकाई के तहत एनएच-44 और मुजफ्फरनगर बाईपास के काम में भी फिलहाल यही स्थिति बनी हुई है।
आगरा में एनएच-530 बी को मथुरा से बरेली के बीच सुधारने के लिए फॉरेस्ट की एनओसी के लिए 5 अगस्त 2021 आवेदन किया गया था। इस पर पहले नवंबर 2021 में क्वेरी लगाई गई। उसका जवाब दिया गया तो अब 12 मई 2022 में 5 बिंदुओं की क्वेरी फिर लगा दी गई है। इसी तरह से यमुना एक्सप्रेसवे से जोड़ने वाला महत्वपूर्ण आगरा बाईपास प्रोजेक्ट समेत तीन अन्य प्रोजेक्ट भी फंसे हुए हैं।
एनएच-74 पर बरेली-सितारगंज के बीच पहले 28 मार्च 2022 और फिर 28 मई 2022 को वहां के डीएफओ कार्यालय ने संयुक्त निरीक्षण रिपोर्ट न मिलने से संबंधित क्वेरी लगाई। जबकि एनएचएआई का कहना है कि इन मामलों में जवाब क्रमश: 2 मई और 7 जून को दिया जा चुका है। यह फाइल भी फिलहाल बहुत ही धीमी गति से आगे बढ़ रही है। इस सड़क के दूसरे पैकेज में भी इसी तरह की दिक्कत आ रही है।
प्रदेश व केंद्र सरकार की प्राथमिकता में शामिल वाया हरदोई, पलिया-शाहजहांपुर-हरदोई परियोजना के लिए फॉरेस्ट क्लीयरेंस भी 24 अगस्त 2021 से फंसी हुई है। हरदोई व शाहजहांपुर में एनएच-731 पर स्वीकृत प्रोजेक्ट भी इसी तरह से फंसे हुए हैं। मेरठ परियोजना यूनिट के तहत एनएच-74 और एनएच-119 को जोड़ने के लिए बाईपास के लिए बिजनौर डीएफओ को 23 जून 2021 को आवेदन किया गया था।
उससे पहले 8 मार्च को हार्ड कॉपी में आवेदन किया जा चुका था। इस पर 5 बिंदुओं की क्वेरी छह महीने बाद 1 फरवरी 2022 को लगाई गई, जिसका जवाब अगले ही महीने 4 मार्च 2022 को दे दिया गया था। इस कार्यशैली के चलते आवेदन को शासन तक भेजने में 11 महीने का समय लग गया। मेरठ परियोजना इकाई में इसी प्रकार से 4 और प्रोजेक्ट फॉरेस्ट की एनओसी की बाट जोह रहे हैं। मुरादाबाद में भी दो सड़क परियोजनाओं को अभी तक फॉरेस्ट क्लीयरेंस नहीं मिली है, जबकि इसके लिए 16 सितंबर 2021 और 18 अक्तूबर 2021 को आवेदन किया गया था।
किस पीआईयू में कितनी परियोजनाएं अटकीं
आगरा 4
बागपत 3
बरेली 9
मेरठ 5
मुरादाबाद 2
Next Story