उत्तर प्रदेश

पीडब्ल्यूडी के पास नहीं नयी सड़क निर्माण के लिए बजट

Admin Delhi 1
10 Dec 2022 1:57 PM GMT
पीडब्ल्यूडी के पास नहीं नयी सड़क निर्माण के लिए बजट
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मेरठ: सर्दी में नई सड़कों के निर्माण का कार्य चलता था, लेकिन वर्तमान में गड्ढों को भरने में पीडब्ल्यूडी के इंजीनियर जुटे हुए हैं। नई सड़कों के निर्माण को भूलकर पीडब्ल्यूडी के इंजीनियरों का फोकस गड्ढे भरना हैं। जिन सड़कों को नये सिरे से बनाने की मांग का प्रस्ताव तैयार करके शासन को पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने भेजा था, उसको स्वीकृति नहीं मिली हैं। इस तरह से पीडब्ल्यूडी को फूटी कोड़ी नई सड़कों के निर्माण में नहीं मिलेगी। ऐसा पहली बार हो रहा हैं। मवाना और बागपत को आपस में जोड़ने वाली सरधना-बिनौली मार्ग खराब हैं। इसकी मरम्मत नहीं, बल्कि नई सड़क बनाने का प्रस्ताव पीडब्ल्यूडी के इंजीनियरों ने तैयार कर शासन को भेजा था। इस प्रस्ताव पर किसी तरह का विचार ही नहीं हुआ, जिसके चलते अब गड्ढे भरकर काम चलाया जा रहा हैं।

इस रोड के चौड़ीकरण के भी आदेश थे, लेकिन इस पर कुछ काम नहीं होगा। पीडब्ल्यूडी की पहले ही सड़कें कम हो गई हैं। कई नेशनल हाइवे घोषित हो चुकी हैं, जिसके चलते जो सड़कें हैं, उनके निर्माण की दिशा में कोई काम नहीं हो रहा हैं। बजट नहीं हैं। ये कहकर फाइल को दबा दिया जाता हैं। सांसद और विधायक भी सड़कों को नये सिरे से नहीं बनवा पा रहे हैं। पीडब्ल्यूडी ने बच्चा पार्क से जलीकोठी चौराहे तक ऐलीवेटिड रोड का प्लान किया था, ये भी धड़ाम हो गया हैं। इसे फिलहाल शासन ने स्वीकृति ही नहीं दी। स्वीकृति दी होती तो अब तक काम चालू हो जाता। दो वर्ष से इसकी डीपीआर तैयार कर शासन को भेजी गई थी। सेतु निगम की टीम इसका सर्वे कर चुकी हैं। अतिक्रमण हटाने के लिए भी सर्वे कराने के बाद प्रशासन की तरफ से अवैध निर्माणकर्ताओं को नोटिस भी थम दिये गए हैं। फिर भी ऐलीवेटिड रोड के निर्माण की फाइल को शासन स्तर पर गंभीरता से नहीं लिया गया। इसके निर्माण से शहर में लगने वाले जाम से बड़ी राहत मिलेगी।

कौन बनायेगा लिंक मार्ग?

बागपत रोड और रेलवे रोड लिंक मार्ग की एनओसी तो सेना से मिल गई, लेकिन इसका निर्माण कौन करेगा? यह बड़ा सवाल हैं। क्योंकि एमडीए के पास बजट नहीं हैं। एमडीए पहले से ही आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहा हैं। एमडीए ने प्लानिंग तो कर दी, लेकिन इसका निर्माण कौन करेगा, अभी यह तय नहीं किया गया हैं। कहा जा रहा हैं कि सेना की जिस जमीन पर लिंक रोड का निर्माण होगा, उसके लिए 26 करोड़ रुपये रक्षा मंत्रालय में जमा कराने होंगे।

इसके बदले में सेना दूसरे स्थान पर जमीन भी ले सकती हैं। इसका इंतजाम प्रशासन को करना होगा। इस दिशा में अभी बहुत काम करना हैं, जिसके बाद ही बागपत रोड और रेलवे रोड का लिंक मार्ग धरातल पर उतरता दिखाई देगा। हाल ही में एमडीए वीसी अभिषेक पांडेय और रक्षा संपदा अधिकारी हरेन्द्र चौधरी के साथ मीटिंग भी हुई हैं। काम करने की अनुमति तो मिल गई, लेकिन सड़क निर्माण करेगा कौन?

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