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पब्लिक ट्रांसपोर्ट शहर में कम होगा निजी वाहनों का लोड
मेरठ न्यूज़: मेरठ समेत 17 नगर निगमों में वाहनों की बढ़ती संख्या पर नियंत्रण, प्रदूषण और दुर्घटनाओं को ध्यान में रख काम्प्रिहेन्सिव इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्लान तैयार किया जाएगा. उद्देश्य है शहर में प्रदूषण कम करना और निजी वाहनों की जगह सार्वजनिक परिवहन को बढ़ाना.
मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र की ओर से इस बारे में आदेश जारी किया गया है. आने वाले समय में मेरठ समेत 17 शहरों में सार्वजनिक परिवहन में इलेक्ट्रिक बसों का संचालन होगा.
17 नगर निगमों और नोएडा में काम्प्रिहेन्सिव इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्लान की आवश्यकता है. शासन का मानना है शहर में अधिक मोबिलिटी के वजह से कार्बन फुटप्रिंट बढ़ता है. 24 से 25 प्रतिशत प्रदूषण का कारण मोबिलिटी को माना गया है. शासन स्तर पर प्रजेंटेशन में माना गया है दिल्ली से मेरठ तक रैपिड रेल चालू होने से कार्बन फुट प्रिंट को कम करने में मदद मिलेगी. इसके लिए शहर में लोगों को निजी वाहनों से कम से कम यात्रा के लिए प्रेरित किया जाएगा. अधिक से अधिक सिटी ट्रांसपोर्ट के तहत बसें चलाई जा रही हैं. पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बेहतर बनाया जा रहा है. मेरठ समेत विभिन्न शहरों में 745 इलेक्ट्रिक बसें चल रही हैं. हाल ही में 1500 नई इलेक्ट्रिक बस क्रय करने की मंजूरी प्रदान की गई है. लगभग 2500 इलेक्ट्रिक बसें बड़े शहरों में चलेंगी. मुख्य सचिव ने जल्द काम्प्रिहेन्सिव इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्लान तैयार करने को कहा है.
एनसीआर के शहरों पर विशेष फोकस
शासन का मानना है कि वैसे तो प्रदूषण का एक्यूआई प्रदेश में काफी नियंत्रित हो रहा है, लेकिन मेरठ, नोएडा समेत एनसीआर में प्रदूषण के लेवल को कम करना आवश्यक है. प्रदूषण कम करने के लिए टेक्नोलॉजी का भरपूर उपयोग करना चाहिए. ऐसे में काम्प्रिहेन्सिव इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्लान आवश्यक है.