उत्तर प्रदेश

30 सितम्बर तक होंगी पोषण, स्वास्थ्य व शिक्षा से जुड़ी जन जागरूक गतिविधियां

Shantanu Roy
31 Aug 2022 6:53 PM GMT
30 सितम्बर तक होंगी पोषण, स्वास्थ्य व शिक्षा से जुड़ी जन जागरूक गतिविधियां
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कानपुर। कुपोषण व एनीमिया की दर को कम करने और बच्चों, किशोर-किशोरियों, गर्भवती व धात्री महिलाओं से स्वास्थ्य में सुधार लाने के उद्देश्य से हर वर्ष एक सितम्बर से 30 सितम्बर के बीच राष्ट्रीय पोषण माह मनाया जाता है। अभियान के माध्यम से जनसामान्य को पोषण के महत्व से परिचित करवाना एवं सुपोषित आहार से स्वास्थ्य व्यवहार को विकसित करना है। मुख्य विकास अधिकारी सुधीर कुमार ने बताया कि भारत सरकार द्वारा माह सितम्बर 2022 को राष्ट्रीय पोषण माह के रूप में मनाए जाने के निर्देश प्रदान किए गए हैं। पोषण हेतु जन-आन्दोलन की गति को बनाये रखने हेतु इस वर्ष भी 01 से 30 सितम्बर 2022 तक राष्ट्रीय पोषण माह आयोजित किया जाना है। इस राष्ट्रीय पोषण माह 2022 के चार बेसिक थीम यथा महिला एवं स्वास्थ्य, बच्चा व शिक्षा-पोषण, लैंगिक संवेदनशीलता के साथ जल संरक्षण व प्रबन्धन एवं आदिवासी क्षेत्र में महिलाओं व बच्चों के लिए पारंपरिक खान-पान निर्धारित किए गए हैं। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय पोषण माह के आयोजन का मुख्य उद्देश्य सभी ग्रामीणों के बीच पोषण के महत्व और आवश्यकता को इंगित करते हुए आम लोगों को पारंपरिक खान-पान के माध्यम से कुपोषण के दुष्प्रभाव से मुक्त करना है। इस वर्ष के पोषण माह में लोगों की भागीदारी अधिक से अधिक सुनिश्चित करने के लिए पोषण पंचायत को क्रियाशील बनाया जाना है।
इसके लिए त्रिस्तरीय पंचायत के तहत निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को केन्द्रित कर कार्यक्रमों के आयोजन कराए जाएंगे। साथ ही पोषण माह के अन्तिम सप्ताह में जनपद के प्रत्येक आंगनबाड़ी केन्द्र, पंचायत, स्कूल, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर विशेष कैम्प का आयोजन करते हुए को "स्वस्थ बालक-बालिका स्पर्धा" का आयोजन किया जाएगा। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य 0-6 वर्ष तक के बच्चों के पोषण स्तर में सुधार लाते हुए स्वस्थ्य बच्चे पर कुपोषित बच्चे की तुलना में ज्यादा ध्यान देना है। पोषण माह में कुपोषण के स्तर में कमी लाने हेतु जनपद में पोषण सम्बन्धी विभिन्न गतिविधियों का आयोजन, कोविड-19 के दिशा-निर्देशो के अन्तर्गत किया जाना है। बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) दुर्गेश प्रताप सिंह ने कहा कि प्रभावी क्रियान्वयन के लिए जन आंदोलन और सामुदायिक भागीदारी को सुदृढ़ किया जाएगा। जनप्रतिनिधियों, पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों, स्थानीय निकाय के प्रतिनिधि, सहयोगी विभागों, स्वयं सेवी संस्थाओं, सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्रों की सक्रिय भागीदारी, महिला स्व सहायता समूहों, महिला मंडल, नेहरू युवा केन्द्रों, नेशनल क्रेडिट कोर, राष्ट्रीय सेवा योजना, इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स आदि की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।
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