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सीएजी की ऑडिट आपत्तियों को लेकर लोक लेखा समिति ने सुनवाई की
नोएडा: सीएजी की ऑडिट आपत्तियों को लेकर लोक लेखा समिति ने सुनवाई की. इसमें अधिकांश नियोजन और भूलेख विभाग से जुड़ी आपत्तियों को लेकर चर्चा हुई. दोनों विभागों से जुड़ी करीब आपत्ति थीं. इसमें सरकारी जमीन पर हो रहे अतिक्रमण पर कार्रवाई नहीं होने को लेकर समिति ने सवाल किया. इस पर प्राधिकरण अफसरों ने रोजाना कार्रवाई किए जाने का दावा किया.
प्राधिकरण अधिकारियों का दावा है कि में से दो आपत्तियों को छोड़कर बाकी को समाप्त करने को लेकर लेखा समिति ने सहमति जताई. अगली बार वित्त और ग्रुप हाउसिंग से जुड़ी आपत्तियों पर लोक लेखा समिति सुनवाई करेगी. वर्ष 04-05 से लेकर - तक के कामकाज की सीएजी ने ऑडिट किया था. सीएजी ने इसकी रिपोर्ट वर्ष में विधानसभा में रख दी थी. इसमें करीब 30 हजार करोड़ रुपये से अधिक के प्राधिकरण को नुकसान होने का दावा किया गया था. इन्हीं आपत्तियों पर लोक लेखा समिति सुनवाई कर रही है. वर्ष में अलग-अलग तारीख में पांच बार आपत्तियों को लेकर सुनवाई की गई. इस साल पहली बार सुनवाई हुई. इसमें नोएडा प्राधिकरण के सीईओ डॉ लोकेश एम, एसीईओ संजय खत्री सहित अन्य अधिकारी प्राधिकरण की तरफ से उपस्थित हुए.
समिति ने नियोजन और भूलेख विभाग की अलग-अलग करीब आपत्तियों पर सुनवाई की. सीएजी ने ऑडिट में आपत्ति लगाई थी कि बिना किसी ठोस वजह के किसानों को एक हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त भुगतान कर दिया गया. इस पर प्राधिकरण के अधिकारियों की तरफ से बताया गया कि उस समय किसान आंदोलन काफी बड़े स्तर पर हुए. ऐसे में उस समय की परिस्थिति के आधार पर और कुछ मामलों में न्यायालय के आदेश पर किसानों को अतिरिक्त मुआवजा दिया गया. समिति ने यह भी पूछा कि नोएडा में बड़े स्तर पर सरकारी जमीन पर कब्जे हुए, लेकिन कार्रवाई नहीं की गई. इस पर अफसरों ने तर्क दिया कि रोजाना कार्रवाई कर जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराया जा रहा है. गौरतलब है कि सीएजी की रिपोर्ट के मुताबिक, नोएडा में 45 लाख 26 हजार 464 वर्ग जमीन पर अतिक्रमण है. इसकी अनुमानित कीमत एक खरब, 63 अरब 85 करोड़ 79 लाख 96 हजार आठ सौ रुपये है.