उत्तर प्रदेश

आटोमेटिक कोच वॉश सिस्टम के प्रपोजल को मंजूरी का इंतजार

Admin Delhi 1
8 Feb 2023 10:51 AM GMT
आटोमेटिक कोच वॉश सिस्टम के प्रपोजल को मंजूरी का इंतजार
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मेरठ: सिटी स्टेशन पर एक कोच की धुलाई में 250 से 300 लीटर तक पानी खर्च करना पड़ रहा है। इस काम में मेनपॉवर के साथ-साथ समय की भी काफी बरबादी होती है। मेरठ सिटी स्टेशन पर आॅटोमेटिक कोच वॉश प्लांट लगाने के लिए एक प्रपोजल स्वीकृति का इंतजार कर रहा है।

मेरठ सिटी स्टेशन ऐसा जंक्शन है, जहां से संगम, नौचंदी, राजरानी, शटल श्रीगंगानगर और खुर्जा पैसेंजर टेÑनें मेरठ से ही बनकर चलती हैं। इसके अलावा रोजाना कई दर्जन टेÑन मेरठ सिटी स्टेशन से होकर गुजरती हैं। मेंटीनेंस और वाशिंग आदि की व्यवस्था देख रहे कोचिंग डिपो आॅफिसर (सीडीओ) संजय कुमार गुप्ता ने बताया कि मेंटीनेंस से लेकर वाशिंग-सफाई आदि के कार्य के लिए वर्तमान में करीब 150 लोगों का स्टाफ है, जिनको दिन और रात की शिफ्ट में लगाकर काम कराया जाता है।

मेरठ से बनकर चलने वालीं उपरोक्त चारों टेÑन की नियमित वाशिंग और सफाई का काम दिन रात चलता रहता है। इसके अलावा विभिन्न ट्रेन के यात्रियों की आॅनलाइन मिलने वाली शिकायतों का निस्तारण करने के लिए टीम मौजूद रहती है। ऐसी शिकायतों की संख्या भी महीने में सैकड़ों तक हो जाती है।

मेरठ में यह सभी काम अभी तक मैन्युअली किया जाता है। रेलवे की ओर से कई स्थानों पर आॅटोमेटिक कोच वॉश प्लांट लगाए गए हैं, इन्हीं में मेरठ सिटी स्टेशन के लिए भी प्रस्ताव भेजा गया है। यह प्रस्ताव अभी स्वीकृति के इंतजार में है।

रेलवे अधिकारी बताते हैं कि मेरठ सिटी स्टेशन पर यह प्लांट लग जाने के बाद कई लाभ मिल सकेंगे। यह प्लांट ट्रेन की 24 बोगियों को महज 10-15 मिनट में चकाचक बना देता है। इतना ही नहीं, इस विधि से पानी की खपत में 80 प्रतिशत तक की कमी आती है, साथ ही मेनपॉवर भी एक चौथाई रह जाती है।

अभी ऐसे हो रहा है धुलाई और सफाई का काम: सिटी स्टेशन से गुजरने वाली अधिकांश ट्रेन की धुलाई यहां नहीं हो पाती। केवल गंदगी, कचरा आदि को लेकर मिलने वाली सफाई संबंधी शिकायतों का निस्तारण करने के लिए टीम मौजूद रहती है। मेरठ से बनकर चलने वाली संगम, नौचंदी, राजरानी, शटल श्रीगंगानगर और खुर्जा पैसेंजर के लौट आने के बाद हर दिन उनकी धुलाई का काम करने के लिए दिन में आठ से शाम पांच बजे और रात में 10 बजे से सुबह छह बजे की दो शिफ्टों में काम करने वाले कर्मचारी लगे रहते हैं। इस काम में कई-कई घंटे का समय लगता है। इसके बावजूद यात्रियों को सफाई के संबंध में शिकायत बनी रहती है।

बिना टिकट यात्रियों से एक लाख पांच हजार किए वसूल: मेरठ सिटी स्टेशन पर तैनात टिकट निरीक्षकों की टीम ने जनवरी माह में हजारों ऐ यात्री पकड़े, जो बिना टिकट यात्रा कर रहे थे। ट्रेन की चेकिंग और स्टेशन पर मिले बिना टिकट यात्रियों से जनवरी माह में एक लाख पांच हजार 480 रुपये का जुर्माना वसूल किया गया।

महीने में बिकते हैं करीब छह हजार प्लेटफार्म टिकट: एक ओर सिटी स्टेशन पर सैकड़ों बिना टिकट यात्री पकड़े जाने की स्थिति है, वहीं यात्रियों को लेने और छोड़ने के लिए आने वाले करीब 200 लोग हर दिन प्लेटफार्म टिकट खरीदते हैं। संबंधित अधिकारी ने बताया कि यह एक अनुमानित संख्या है, जिसके मुताबिक महीने में करीब छह हजार प्लेटफार्म टिकट खरीदे जाते हैं। यह टिकट दो घंटे तक ही वैध माना जाता है।

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