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पैगम्बर-ए-इस्लाम की यौमे पैदाईश का जश्न भारी बरसात में भीगते हुए मनाया गया। रिवायत कायम रखते हुए अंजुमन खुद्दामें रसूल के तत्वाधान में कोहाड़ापीर से दरगाह सरपरस्त हज़रत मौलाना सुब्हान रज़ा खान(सुब्हानी) व सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन रज़ा क़ादरी (अहसन मियां) की क़यादत में निकला।
कायदे जुलूस हज़रत सुब्हानी मियां ने सुबुर रज़ा को परचम-ए-रिसालत सौपकर हरी झंडी दिखाकर जुलूस रवाना किया। जो अपने कदीमी रास्तों कोहाड़ापीर,कुतुबखाना,कुमार सिनेमा,नॉवेल्टी,इस्लामिया स्कूल,करोलान,बिहारीपुर ढाल के रास्ते दरगाह आला हज़रत पर आकर खत्म हुआ।
जुलूस का रास्तो में जगह जगह फूलों से इस्तकबाल किया गया। रंग-बिरंगी पोशाक पगड़ी व जुब्बा पहने लोग अंजुमन की शक्ल में सरकार की आमद मरहबा-दिलदार की आमद मरहबा,खुशियां मनाओ सरकार आ गए आदि नारों के साथ चले। सबसे आगे परतापुर की अंजुमन दारुल उलूम रज़ा ए मुस्तफ़ा चली।
मीडिया प्रभारी नासिर कुरैशी ने बताया कि जुलूस शुरू होने से पहले स्टेज पर मौलाना अब्दुल हलीम ने तिलावत ए कुरान से आगाज़ किया। नात मनकबत का नज़राना पेश किया। मुफ्ती सलीम नूरी ने अपनी तक़रीर में कहा कि ये जुलूस नबीरे आला हज़रत हुज़ूर रेहान-ए-मिल्लत की देन है। हज़रत सुब्हानी मियां व मुफ़्ती अहसन मियां व सय्यद आसिफ मियां व सभी अंजुमनों के सदर का स्टेज पर पहुँचने के बाद अंजुमन खुद्दामें रसूल के सचिव शान अहमद रज़ा ने दस्तारबंदी कर फूलों से इस्तकबाल किया। जुलूस में मुख्य रूप से अंजुमन अनवारे मुस्तफ़ा, अंजुमन ग़ौसुल वरा, अंजुमन आशिकाने रज़ा, अंजुमन जानिसारने रसूल, अंजुमन कुर्बान ए रसूल, अंजुमन रज़ा-ए-मिल्लत, अंजुमन फैज़ुल कुरान शामिल रही।
जुलूस की व्यवस्था हाजी जावेद खान, अजमल नूरी, ताहिर अल्वी, शाहिद नूरी, परवेज़ नूरी, औररंगज़ेब नूरी, शारिक बरकाती, पूर्व दर्जा राज्य मंत्री आबिद रज़ा, शाहीन रज़ा राजू, राशिद हुसैन, हाजी ताहिर, अब्दुल माजिद, मंज़ूर रज़ा, डॉटटर अनीस बेग,पम्मी वारसी, शीरोज कुरैशी, शाहिद अली, तस्लीम पप्पन, इरफान कुरैशी, शादाब कुरैशी, इंजीनियर अनीस अहमद, हाजी शावेज़, हाजी उवैस, मुजाहिद बेग, शहज़ाद पहलवान, सय्यद माजिद रज़ा, मोहसिन रज़ा, काशिफ सुब्हानी ने देखी।
न्यूज़ क्रेडिट: amritvichar