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मेरठ: जो निर्यातक स्लाटर हाउस मीट की लोकल मांग को पूरी करने के लिए अतिरिक्त पशु कटान कर रहे हैं। उन पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का डंडा चल गया है। बोर्ड ने प्रदेश के सभी मंडलायुक्तों को भेजे गए पत्र में साफ कह दिया है कि ऐसे निर्यातक स्लाटर हाउसों के खिलाफ कार्रवाई करें जो निर्यातक मीट के अलावा लोकल मीट की मांग को पूरा करने के लिए भी अतिरिक्त कटान कर रहे हैं। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने ऐसे स्लाटर हाउसों पर लोकल मीट की मांग को पूरा करने के लिए होने वाले कटान को फौरन रोकने के निर्देश दिए हैं।
उत्तर प्रदेश मेरठ सहित प्रदेश के सभी मंडलायुक्तों को बोर्ड ने भेजा पत्र (वृत्त-3) व स्लाटर हाउस के नोडल (मीट प्रोसेसिंग) घनश्याम द्वारा भेजे गए पत्र में कहा गया है कि वो निजी पशु वधशालाएं जिन्हें केवल 100 प्रतिशत मांस निर्यात की अनुमति है, वो भी स्थानीय स्तर पर मांस आपूर्ति अवैध रूप से कर रहे हैं। बोर्ड ने इस बात पर सख्त नाराजगी जताई है कि उत्तर प्रदेश में सभी संचालित पशुवधशालाओं में अनाधिकृत तरीके से अवैध पशु कटान हो रहा है और निर्यात इकाई द्वारा धड़ल्ले से अवैध रूप से क्षमता से अधिक और अपने निर्यात के अलवा स्थानीय खपत के लिए भी अवैध रूप से पशुवध कर मांस की बिक्री की जा रही है।
उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने यह भी निर्देश दिए हैं कि उत्तर प्रदेश की समस्त निजी आधुनिक पशुवधशालाओं को 100 प्रतिशत निर्यात के लिए ही सहमति और अनापत्ति प्रमाण पत्र दिया जाए। बोर्ड के अनुसार 14 दिसम्बर 2015 के शासनादेश में भी स्थानीय मांस बिक्री के लिए प्रदेशों की राज्य सरकारों की राज्य स्तरीय कमेटी द्वारा अनुमोदित अत्याधुनिक पशुवधशालाओं को ही स्थानीय मांस आपूर्ति के लिए अनुमति प्रदान की गई है। बोर्ड ने यहां तक चेता दिया है कि पशुवधशालाओें में सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं और अवैध पशुवध की सही स्थिति जानने के लिए इन कैमरों की फुटेज लेकर कार्रवाई की जा सकती है। बोर्ड द्वारा स्थानीय प्रशासन से कहा गया है कि 100 प्रतिशत मांस निर्यातक इकाई से स्थानीय मांस आपूर्ति की बिक्री पर रोक लगाई जाए।