- Home
- /
- राज्य
- /
- उत्तर प्रदेश
- /
- 9 रेलवे स्टेशनों पर...
उत्तर प्रदेश
9 रेलवे स्टेशनों पर एक अगस्त से निजी कर्मचारी सम्भालेंगे मोर्चा, जानिए काउंटर से अनाउंसमेंट सिस्टम तक क्या-क्या बदलेगा
Renuka Sahu
31 July 2022 3:24 AM GMT
x
फाइल फोटो
आप ट्रेन पकड़ने जा रहे हैं या फिर किसी ट्रेन के बारे में पूछताछ करनी है तो आपकी सेवा के लिए वहां सरकारी की बजाए कोई निजी कर्मचारी मौजूद मिल सकता है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आप ट्रेन पकड़ने जा रहे हैं या फिर किसी ट्रेन के बारे में पूछताछ करनी है तो आपकी सेवा के लिए वहां सरकारी की बजाए कोई निजी कर्मचारी मौजूद मिल सकता है। एक अगस्त से गोरखपुर जंक्शन समेत लखनऊ मंडल के 9 रेलवे स्टेशनों पर निजी कर्मचारियों की नियुक्ति होने जा रही है। इसके अलावा अनाउंसमेंट सिस्टम, डिस्प्ले बोर्ड, कोच गाइडेंस और क्लॉक रूम (अमानती सामान घर) की जिम्मेदारी भी निजी कर्मचारी सम्भालेंगे।
आउटसोर्स कंपनी के जरिए तैनात किए जाने वाले निजी कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया जा चुका है। पूर्वोत्तर रेलवे में इसकी शुरुआत लखनऊ मंडल से हो रही है। पहले चरण में गोरखपुर और लखनऊ जंक्शन समेत नौ स्टेशनों पर निजी कर्मचारी तैनात किए जाएंगे।
फिलहाल रेलवे प्रशासन ने काउंटरों और कर्मचारियों की व्यवस्था के लिए निजी कंपनी को नामित कर दिया है। अब आउटसोर्स कंपनी के जरिए पहली अगस्त से प्रमुख नौ स्टेशनों पर लगेज और पूछताछ केन्द्र पर निजी कर्मचारियों की तैनाती की जाएगी। शुरुआत में एक स्टेशन पर 12 से 15 कर्मचारियों की तैनाती की जाएगी।
अभी तक इन कार्यस्थलों पर रेलकर्मी ही तैनात हैं। लेकिन लगातार पद सरेंडर किए जाने और खर्चों में कटौती के क्रम में एनई रेलवे प्रशासन स्टेशन के परिचालन व कुछ संबंधित महत्वपूर्ण पदों को छोड़कर साफ-सफाई से लगायत कई प्रमुख कार्यों को आउटसोर्स से कराने लगा है। बताया जा रहा है कि आउटसोर्सिंग से रेलवे के खर्चों में कमी आई है।
इन स्टेशनों पर तैनात होंगे निजी कर्मी
गोरखपुर जंक्शन
लखनऊ जंक्शन
बादशाहनगर
ऐशबाग
सीतापुर
मनकापुर
गोंडा जंक्शन
बस्ती
खलीलाबाद
आउटसोर्सिंग बर्दाश्त नहीं करेगा पीआरकेएस
पूर्वोत्तर रेलवे कर्मचारी संघ के महामंत्री विनोद राय ने पूछताछ और लगेज रूम के लिए निजी कर्मचारियों की तैनाती पर कड़ा विरोध जताया है। श्री राय का कहना है कि इस तरह तो जवाबदेही ही नहीं रह जाएगी। उन्होंने बताया कि सरकारी कर्मचारी लापरवाही से डरता है कि उसकी नौकरी खतरे में आ जाएगी। अगर लगेज रूम से किसी का सामान गायब हो जाए तो इसकी जिम्मेदारी किसकी होगी, निजी कर्मचारी की या फिर रेलवे की। यह व्यवस्था रोजाना विवाद की स्थिति पैदा करेगी। हमारा संगठन इसका पुरजोर विरोध करता है। साथ ही मांग करता है कि इस व्यवस्था को खत्म करे।
एक अगस्त से गोरखपुर जंक्शन समेत कुछ और स्टेशनों पर पूछताछ व क्लॉक रूम की सेवाएं आउटसोर्सिंग के माध्यम से संचालित की जाएंगी। इस संबंध में आउटसोर्स कर्मचारियों को ट्रेनिंग दी जा चुकी है।
Next Story