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उप्र. पुलिस को हाइटेक करने की दिशा में राज्य सरकार निरन्तर काम कर रही है। अब बंदियों को आधुनिक वैन से पुलिस ले जाएगी। यह वैन पैनिक बटन, हाई लॉक सिस्टम, सीसीटीवी कैमरे समेत डबल डोर से लैस होगी। इस वैन से अब बंदियों का भाग पाना मुश्किल होगा। रविवार को मुख्यमंत्री आवास के बाहर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में प्रदेश के 56 शहरों के लिए मॉडर्न प्रिजन वैन को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया।
मुख्यमंत्री ने यहां कहा कि प्रदेश में जिस पुलिस वालों को अपराधी दौड़ाते थे आज उन्हें देखकर खुद ही भांगना शुरू कर दिया है। साथ ही कहा कि प्रदेश में 1.56 लाख से अधिक पुलिस कर्मियों की समयबद्ध तरीके से भर्ती प्रक्रिया पूरी की गई, साथ ही तकनीक से जोड़कर आगे भी बढ़ाया गया। पुलिस बल जिन वाहनों से कैदियों को जेल से अदालत और अदालत से जेल तक पहुंचाते थे, वह पुराने हो चुके थे। उनमें आधुनिक तकनीक का उपयोग नहीं किया गया था। ऐसे में कई बार कैदी भाग जाते थे या फिर आपराधिक गिरोह उन पर हमला करके बंदियों और कैदियों को छुड़वाने का प्रयास करते थे।
उन्होंने कहा कि मॉडर्न प्रिजन वैन ऐसी आधुनिक तकनीक से लैस है, जो पुलिस कर्मियों को सुरक्षित तो रखेगी ही, साथ ही एक एक गतिविधि पर नजर रखने में भी मदद मिलेगी। इस मौके पर कारागार राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मवीर प्रजापति, प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद, कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक डीएस चौहान, डीजी कारागार आनन्द कुमार और एडीजी कानून व्यवस्था प्रशान्त कुमार उपस्थित थे।
किस-किस शहर को मिलीं मॉडर्न प्रिजन वैन
मुख्यमंत्री ने जिन 56 जनपदों के लिए मॉडर्न प्रिजन वैन का फ्लैग ऑफ किया है, उनमें सहारनपुर, शामली, गाजियाबाद, हापुड़, गौतमबुद्धनगर, मुरादाबाद, बिजनौर, सम्भल, रामपुर, बरेली, बदायूं, हाथरस, एटा, कासगंज, आगरा, मथुरा, मैनपुरी, कमिश्नरेट-कानपुर, कानपुर-आउटर, फतेहगढ़, इटावा, औरैया, झांसी, चित्रकूट, हमीरपुर, महोबा, बांदा, प्रयागराज, फतेहपुर, प्रतापगढ़, कमिश्नरेट-लखनऊ, लखनऊ-ग्रामीण, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, अम्बेडकरनगर, सुलतानपुर, अमेठी, बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, सन्तकबीरनगर, गोरखपुर, महराजगंज, कुशीनगर, देवरिया, वाराणसी-ग्रामीण, गाजीपुर, चन्दौली, जौनपुर, मीरजापुर, भदोही समेत सोनभद्र शामिल हैं।
पुलिस एंड फॉरेंसिक इंस्टीट्यूट की हो रही स्थापना
मुख्यमंत्री ने कहा कि लखनऊ में प्रदेश की पहली पुलिस एंड फॉरेंसिक इंस्टीट्यूट की स्थापना की जा रही है। यह न केवल आधुनिक तकनीक से जोड़ेगी बल्कि अपराध नियंत्रण में भी इसकी प्रभावी भूमिका होगी। यहां का ट्रेनिंग सेंटर प्रदेश और देश में दक्ष युवाओं को देने में सक्षम होगा। पिछले पांच वर्षों के अंदर देश की आबादी के सबसे बड़े राज्य यूपी में बेहतर कानून व्यवस्था के लिए पुलिस आधुनिकीकरण के जो प्रयास शुरू किए गए थे, उसी के तहत गृह विभाग को मॉडर्न प्रिजन वैन सौंपी जा रही है।
न्यूज़ क्रेडिट: amritvichar