उत्तर प्रदेश

5 जून को संत कबीर एकेडमी का लोकार्पण करेंगे राष्‍ट्रपति कोविंद, देशभर के छात्र करेंगे शोध

Renuka Sahu
30 May 2022 4:19 AM GMT
President Kovind will inaugurate Sant Kabir Academy on June 5, students from across the country will do research
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फाइल फोटो 

संत कबीर की परिनिर्वाण स्थली मगहर में स्थापित संत कबीर एकेडमी बनकर तैयार हो गया है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। संत कबीर की परिनिर्वाण स्थली मगहर में स्थापित संत कबीर एकेडमी बनकर तैयार हो गया है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 5 जून को इस एकेडमी का लोकार्पण करेंगे। कबीर से जुड़ी यादों को जिंदा रखने के लिए इस एकेडमी का निर्माण हुआ है। देश के कोने-कोने से यहां कबीर पर रिसर्च करने के लिए विद्यार्थी आएंगे। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के रिसर्च स्कॉलर गाइड करेंगे। संत कबीर एकेडमी में रिसर्च होंगे लेकिन उसका केन्द्र दीनदयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय गोरखपुर होगा।

संतकबीर एकेडमी में क्वालिटी रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए संत कबीर चेयर की स्थापना की गई है। इसके चेयरमैन डीडीयू के कुलपति प्रो. राजेश सिंह संयोजक हिन्दी विभाग के अध्यक्ष प्रो. दीपक प्रकाश त्यागी को बनाया गया है। हिन्दी, संस्कृत, ललित कला एवं संगीत विभाग, प्राचीन इतिहास, समाज शास्त्रत्त्, अंग्रेजी, मध्यकालीन इतिहास विभाग के रिसर्च स्कॉलर कबीर एकेडमी में आने वाले विद्यार्थियों को गाइड करेंगे। कबीर से जुड़े स्थानों की ज्योग्राफिकल मैपिंग, इन्साइक्लोपीडिया, भाषा सेल के साथ ई लाइब्रेरी, म्यूजियम कम आर्ट गैलरी का निर्माण कराया जा सकता है।
कुलपति ने प्रस्तुत किया रोडमैप
संत कबीर एकेडमी में गुणवत्तापूर्ण शोध कार्यों को बढ़ावा देने, प्रचार-प्रसार, सर्वेक्षण, प्रकाशन और अंतरराष्ट्रीयकरण सहित अन्य बिंदुओं को लेकर संतकबीर एकेडमी के शोध विकास समिति के अध्यक्ष बनाए गए डीडीयू के कुलपति प्रो. राजेश सिंह ने एकेडमी का निरीक्षण किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था शिलान्यास
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 28 जून 2018 को मुख्यमत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में संत कबीर एकेडमी का शिलान्यास किया था। पूरी दुनिया को मानवता और भाईचारे का संदेश देने वाले कबीर के विचारों को देश भर में फैलाने के लिए एकेडमी का निर्माण हुआ है। संत कबीर एकेडमी पीएम नरेन्द्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में भी शामिल है।
संतकबीर के विचार आज भी प्रासंगिक हैं। संतकबीर एकेडमी के निर्माण से कबीर पर रिसर्च करने देश भर के विद्यार्थी यहां आएंगे। डीडीयू के रिसर्च स्कॉलर बाहर से आने वाले विद्यार्थियों की मदद के लिए गाइड की भूमिका में रहेंगे।
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