उत्तर प्रदेश

नवाबों के शहर लखनऊ का आम खाएंगे राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री, जानें पूरी खबर

Renuka Sahu
3 May 2022 3:19 AM GMT
President and Prime Minister will eat mangoes of Lucknow, the city of Nawabs, know full news
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फाइल फोटो 

नवाबों के शहर लखनऊ के आम का स्वाद अब राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री चखेंगे। 2005 में लखनऊ और इसके आसपास आम उत्पादकों के प्रोत्साहन के लिए प्रदेश सरकार द्वारा तैयार किए गए ब्रांड नवाब के आमों को पीएम और राष्ट्रपति को भेजा जाएगा।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। नवाबों के शहर लखनऊ के आम का स्वाद अब राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री चखेंगे। 2005 में लखनऊ और इसके आसपास आम उत्पादकों के प्रोत्साहन के लिए प्रदेश सरकार द्वारा तैयार किए गए ब्रांड नवाब के आमों को पीएम और राष्ट्रपति को भेजा जाएगा। इसमें मलिहाबादी, चौसा, लंगड़ा और दशहरी जैसे आम की किस्म शामिल हैं। अधिकारियों का कहना है कि इससे ब्रांड का प्रचार होगा और इसकी मांग बढ़ेगी। सभी के पास दो-दो पेटी आम भेजा जाएगा।

लखनऊ नवाबी शानो-शौकत के साथ ही आम के लिए भी मशहूर है। 2005 में तत्कालीन सरकार ने लखनऊ के आम को बढ़ावा देने के लिए नवाब नामक ब्रांड तैयार किया। हालांकि ब्रांड नाम रखने से इसकी मांग पर कोई खास असर नहीं हुआ है। अब इस आम की नए सिरे से ब्रांडिंग की जा रही है।
ब्रांड का प्रचार करने के मद्देनजर केंद्र के सभी मंत्रियों को आम भेजा जाएगा। किसान मंडी भवन लखनऊ से साहिबाबाद नवीन फल व सब्जी मंडी के सचिव विश्वेंद्र कुमार को पत्र भेजा गया। मंडी सचिव सहित पांच लोगों की टीम राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री सहित सभी मंत्रियों को तक आम पहुंचाएगी। जुलाई के प्रारंभ में करीब 400 पेटी आम साहिबाबाद मंडी आएगा। आम पहुंचने के लिए मंडी सचिव ने पत्र मिलने के बाद तैयारी शुरू कर दी है।
विदेश निर्यात होता है आम
आम को नवाब ब्रांड नाम से निर्यात किया जाता है। यूपी सरकार निर्यातकों और बागवानों के लिए प्रोत्साहन राशि भी देती है। नवाब ब्रांड का आम दुबई, कुवैत, बहरीन, ओमान, अरब, जापान, अमेरिका, आस्ट्रेलिया व कतर सहित अन्य खाड़ी देशों में निर्यात होता है। प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के पास आम पहुंचने के बाद इसका प्रचार होगा और इस आम की मांग बढ़ने की उम्मीद है। इससे किसानों को फायदा होगा।
नाम बदलने पर हुआ था मंथन
अधिकारियों के अनुसार ब्रांड नाम नवाब रखने के बाद निर्यात में कोई खास बढ़त नहीं मिल सकी। एक सीजन में कभी भी सौ से 150 मीट्रिक टन से ज्यादा आम का निर्यात नहीं हो सका। जबकि कम से कम 400 से 500 मीट्रिक टन आम का निर्यात होने की अपेक्षा की जाती है।
जून 2020 में शासन स्तर पर नवाब ब्रांड का नाम बदलने पर मंथन किया गया था। अधिकारियों ने बागवानों के साथ बैठक की थी। बागवानों से नए नाम के लिए प्रस्ताव मांगे गए थे। कुछ किसानों ने यूपी किंग, श्रीराम, रघुवंशी, लखन, संजीदा, अवध, दादा, निहाल, नाथ आदि नाम सुझाए थे, लेकिन नाम बदलने पर मुहर नहीं लगी।
विश्वेंद्र कुमार (सचिव, नवीन फल व सब्जी मंडी, गाजियाबाद) का कहना है कि नवाब ब्रांड का आम राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री व केंद्र के सभी मंत्रियों के पास पहुंचाया जाएगा। हमें इस संबंध में पत्र प्राप्त हो गया है। पांच अधिकारियों की टीम आम मंत्रियों तक पहुंचाएगी।
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