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नोएडा न्यूज़: राज्य सरकार प्रदेश में होटल इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए यूपी पर्यटन नीति के तहत पंजीकृत होटलों से हाउस टैक्स का सिर्फ तीन गुना ही टैक्स लेगी. अभी तक छह गुना टैक्स लिया जा रहा है.
नगर विकास विभाग इसके लिए उत्तर प्रदेश नगर निगम (संपत्ति कर) चतुर्थ संशोधन नियमावली-2023 को जल्द कैबिनेट से मंजूर कराने जा रहा है. इसके दायरे में पर्यटन नीति-2022 में पंजीकरण कराने वाले सभी नए और पुराने होटलों को लाभ मिलेगा. इससे नोएडा, एनसीआर और गाजियाबाद समेत
सभी शहरों में बड़े होटल व्यावसायिकों को लाभ होगा.
नियमावली पर मांगे गए सुझाव प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात ने नियमावली को संशोधित करने से पहले इस पर आपत्तियां और सुझाव मांगे हैं. मौजूदा नियमावली में मॉल, चार सितारा और उससे ऊपर के होटल, पब्स, बार, ऐसे स्थान जहां रहने के साथ ही शराब पीने की अनुमति है, उनसे हाउस टैक्स का छह गुना लिया जा रहा है. राज्य सरकार प्रदेश में होटल कारोबार को बढ़ावा देना चाहती है. खासकर पर्यटक और धार्मिक स्थलों पर होटल इंडस्ट्री के लिए जमीनें आरक्षित की गई हैं. इसे बढ़ावा देने में अधिक हाउस टैक्स लिया जाना बाधक बन रहा है.
कैबिनेट की मंजूरी जल्द
नगर विकास विभाग ने 30 जून 2023 को इसे जारी करते हुए सात दिनों के अंदर आपत्तियां मांगी थी. नगर विकास विभाग को 120 से अधिक आपत्तियां मिली हैं. अब इसका निस्तारण किया जा रहा है. इसके निस्तारण के बाद कैबिनेट से मंजूरी के बाद इसकी अधिसूचना जारी की जाएगी. अधिसूचना जारी होने की तिथि से पर्यटन नीति के तहत पंजीकृत कारोबारियों को छूट की सुविधा दी जाएगी.
उद्योगों के बराबर लिया जाएगा
राज्य सरकार यूपी में औद्योगिक इकाइयों, सरकारी, अर्द्धसरकारी और सर्वाजनिक उपक्रम वाले कार्यालय भवनों से हाउस टैक्स का तीन गुना ले रही है. पर्यटन विभाग ने उत्तर प्रदेश में होटल इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2022 में नई नीति जारी की थी. इसमें पंजीकरण कराने वालों को अन्य कई तरह की सुविधाएं देने का वादा किया गया था, लेकिन हाउस टैक्स को लेकर कोई बात नहीं की थी.