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मेरठ में 50 लाख से अधिक कांवड़ियों के स्वागत की तैयारी जारी
मेरठ। श्रवण कांवड़ यात्रा के सफल व भव्य आयोजन की तैयारियों को लेकर 26 विभागों की जिम्मेदारी दी गई है। कांवड़ यात्रा के दौरान भीड़ नियंत्रण करने व आपात स्थिति से निपटने के लिए प्लान तैयार किया गया है। इस बार कांवड़ लकर जिले से गुजरने वाले कांवड़ियों की संख्या 50 लाख से अधिक से होने का आंकलन है।
कांवड़ियों की संख्या को देखते हुए जनपद से गुजरने वाले कांवड़ मार्ग पर विशेष व्यवस्था की जाएगी। कांवड़ यात्रा के लिए सबसे अधिक जोर यात्रा शुरू होने से पहले मार्गों की मरम्मत पर है। इसके अलावा पेयजल, पथ प्रकाश व शौचालय आदि की व्यवस्था की जाएगी। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्र में संवदनशील गांवों में बैठक कर कांवड़ यात्रा संम्पन्न कराने में सहयोग करने व शांति समिति का गठन कर जिम्मेदारी दी जाएगी। और ग्राम प्रधानों को पूरा सहयोग लिया जाएगा। जुलाई के प्रथम सप्ताह में होगी बैरिकेडिंगः कांवड़ यात्रा के लिए शहरी क्षेत्र के साथ हाईवे व मुख्य मार्गों पर जुलाई के प्रथम सप्ताह से बैरिकेडिंग का कार्य शुरू किया जाएगा।
हालांकि रास्ता रोकने व पूरी तरह से बैरिकेडिंग करने का निर्णय कांवड़ियों की बढ़ती संख्या के आधार पर लिया जाएगा। ऐसे ही वाहनों के संचालन को रोकने भी कांवड़ियों की संख्या के आधार पर तय होगा। मेरठ के मुख्य शिवालय औघड़नाथ मंदिर व जिले में संभावित शिव मंदिरों मे तैयारी हो रही है। कांवड़ शुरू होने से पहले देहात क्षेत्र के सभी यात्रा मार्गों का निरीक्षण कर मरम्मत कराई जानी है। साथ ही थाना प्रभारी भी अपने क्षेत्र से गुजरने वाले कांवड़ मार्गों की रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं।
किठौर थाना प्रभारी ने मेरठ गढ़ हाइवे के निर्माणाधीन होने व गंगनहर की पटरी जर्जर होने की समस्या को लेकर डीएम को पत्र भेजकर मरम्मत कराने की मांग की है। हाइवे से गढ़ व मेरठ की ओर से बड़ी संख्या में कांवडिए पैदल व डाक कांवड़ लेकर यात्रा पूरी करते हैं। वहीए गंगनहर की पटरी भी अभी क्षतिग्रस्त है और यहां पत्थर पड़े हैं।
चिह्रित निजी अस्पतालों में कांवड़ियों को मिलेगा निश्शुल्क प्राथमिक उपचार कांवड़ियों को बेहतर चिकित्सा उपलब्ध कराने को लेकर सीएमओ डा. अखिलेश मोहन ने आइएमए मेरठ के पदाधिकारियों के साथ अपने कार्यालय में बैठक की। बैठक के बाद आइएमए सचिव आलोक अग्रवाल ने बताया कि यह तय किया गया है कि जिले में कांवड़ियों के मार्ग में पड़ने वाले कई अस्पतालों को चिन्हित किया जाएगा । इनमें आवश्यकता होने पर कांवड़ियों को निश्शुल्क प्राथमिक उपचार उपलब्ध कराया जाएगा।