उत्तर प्रदेश

नंद बाबा दुग्ध मिशन को धरातल पर उतारने की तैयारी शुरू

Manish Sahu
8 Sep 2023 3:18 PM GMT
नंद बाबा दुग्ध मिशन को धरातल पर उतारने की तैयारी शुरू
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उत्तरप्रदेश: यूपी सरकार ने गांव में नई दुग्ध सहकारी समितियां गठित कर दुग्ध उत्पादकों को दूध का उचित मूल्य दिलाने के लिए एक हजार करोड़ रुपये से लांच नंद बाबा दुग्ध मिशन को धरातल पर उतारने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। मिशन के संचालन के लिए प्रदेश स्तर पर शुक्रवार को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में स्टेट स्टीयरिंग कमेटी व अपर मुख्य सचिव दुग्ध विकास की अध्यक्षता में स्टेट एग्जिक्यूटिव कमेटी और जनपद स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में डिस्ट्रिक्ट एग्जिक्यूटिव कमेटी का गठन किया गया है।
इसके अलावा मिशन के मुख्यालय पर स्टेट प्रोग्राम मैनेजमेंट यूनिट एवं जनपद स्तर पर डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम मैनेजमेन्ट यूनिट का गठन किया गया है। वहीं नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्मार्ट गवर्नेमेंट (एनआईएसजी) को प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कन्सल्टैंट (पीएमसी) नामित किया गया है।
राज्य सरकार की ओर से नंद बाबा दुग्ध मिशन के तहत चार महत्वपूर्ण योजनाओं का संचालन किया जा रहा है, इसमें नन्दिनी कृषक समृद्धि योजना, मुख्यमंत्री स्वदेशी गौ-सवंर्धन योजना, मुख्यमंत्री प्रगतिशील पशुपालक प्रोत्साहन योजना एवं प्रारंभिक दुग्ध सहकारी समिति का गठन शामिल है। गौवंशीय पशुओं के नस्ल सुधार एवं दुग्ध उत्पादकता में वृद्धि के लिए संचालित नंदिनी कृषक समृद्धि योजना के तहत पशुपालन के क्षेत्र में उन्नत नस्ल के अधिक से अधिक दुधारू गौवंश की इकाइयां स्थापित की जाएंगी। पहले चरण में पशुपालकों में उद्यमिता विकास के लिए गिर, साहीवाल, थारपारकर एवं गंगातीरी प्रजाति की 25 दुधारू गायों की 35 इकाइयां स्थापित होंगी। इसमें लाभार्थियों को 50 प्रतिशत का अनुदान अधिकतम 31.25 लाख तक दिए जाने का प्राविधान किया गया है। योजना में लाभार्थी का अंश 15 प्रतिशत, बैंक ऋण 35 प्रतिशत और अनुदान 50 प्रतिशत दिया जाएगा। अनुदान तीन चरणों में दिया जाएगा।
नंद बाबा दुग्ध मिशन के तहत दुग्ध उत्पादकों को गांव में ही उनके दुग्ध के उचित मूल्य पर दिलाने के लिए प्रारंभिक दुग्ध समिति का गठन व संचालन किया जायेगा। प्रदेश के 621 विकास खंड (जिसमें इस वर्ष गांव स्तर पर दुग्ध समिति का गठन नहीं किया गया है) में एक-एक दुग्ध समिति का गठन किया जायेगा। प्रत्येक दुग्ध समिति के गठन व संचालन पर 69000 रुपये का व्यय तथा सभी दुग्ध समितियों में डाटा प्रोसेसिंग मिल्क कलेक्शन यूनिट (डीपीएमसीयू) की स्थापना पर अधिकतम 150000 रुपये का व्यय किया जायेगा।
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