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अस्पतालों में इंफ्लुएंजा से निपटने को तैयारी शुरू, सीएमओ ने भेजी गाइड लाइन
इलाहाबाद न्यूज़: इंफ्लुएंजा का खतरा बढ़ता जा रहा है. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए केंद्र सरकार ने गाइड लाइन जारी कर दी है. प्रदेश सरकार ने भी इंफ्लुएंजा को लेकर स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट कर दिया है. इस क्रम में स्थानीय स्तर पर सीएमओ डॉ. आशु पांडेय की ओर से जिले के सीएचसी, पीएचसी को भी गाइड लाइन के पालन का निर्देश दिया गया है.
वहीं सरकारी अस्पतालों में भी किसी भी हालात से निपटने की तैयारी शुरू हो गई है. वर्तमान में एसआरएन अस्पताल के मेडिसिन विभाग में 120 बेड हैं. सभी पर ऑक्सीजन सपोर्ट है. डॉक्टरों के अनुसार वार्ड में भर्ती मरीजों में 75 प्रतिशत तेज बुखार, खांसी और सांस की तकलीफ वाले हैं. मरीजों में इंफ्लुएंजा वायरस को संदिग्ध रूप में देखा जा रहा है. बेली अस्पताल में जरूरत पड़ने पर 199 बेड का उपयोग किया जाएगा. अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. शारदा चौधरी के अनुसार इंफ्लुएंजा वायरस से निपटने के लिए कार्ययोजना तय की जाएगी. कॉल्विन अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. जाहिरा खातून ने बताया कि इंफ्लुएंजा के लिए अस्पताल में 35 बेड आरक्षित किए गए हैं. सभी बेड में ऑक्सीजन सपोर्ट लगा है. सरकार की गाइड लाइन का पालन किया जाएगा.
वायरस की रोकथाम को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय से जारी गाइड लाइन का पालन किया जाएगा. गाइड लाइन के निर्देश को जिले के सभी सीएचसी और पीएचसी को अनुपालन के लिए भेज दिया गया है. जांच का निर्देश मिलता है तो कार्ययोजना बनाई जाएगी. -डॉ. आशु पांडेय, सीएमओ
डॉक्टर की सलाह पर लें दवाएं:
एसआरएन अस्पताल के मेडिसिन विभाग के डॉ. आनंद ने बताया कि खांसी, जुकाम व बुखार की मरीज को बिना डॉक्टर की सलाह से दवाइयों का सेवन नहीं करना चाहिए. वायरस से बचने के लिए भीड़-भाड़ वाले स्थान पर जाने से बचें. नियमित रूप से मॉस्क पहनें. अधिक ठंड वाली चीजों का सेवन न करें. डॉ. जाहिरा खातून के अनुसार इंफ्लुएंजा मौसम जनित बीमारी है. इससे बचने के लिए ठंड-गर्म से बचना चाहिए. योगासन और प्राणायाम करना चाहिए. पौष्टिक भोजन करना चाहिए.
समीक्षा बैठक होगी, जिसमें विस्तृत कार्ययोजना तय की जाएगी. बेड, ऑक्सीजन की उपलब्धता, जांच की व्यवस्था आदि विषय पर चर्चा होगी. अस्पताल में वार्ड नंबर सात पहले से आरक्षित किया गया है.
- डॉ. एसपी सिंह, प्राचार्य मोती लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज