उत्तर प्रदेश

UP : प्रायोगिक परीक्षा की तैयारी शुरू, यूपी बोर्ड ने शिक्षकों की अपडेट सूची मांगी

Ashishverma
18 Dec 2024 11:55 AM GMT
UP : प्रायोगिक परीक्षा की तैयारी शुरू, यूपी बोर्ड ने शिक्षकों की अपडेट सूची मांगी
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Prayagraj प्रयागराज: यूपी बोर्ड ने इंटरमीडिएट प्रायोगिक परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी है। बोर्ड कैलेंडर के अनुसार, कक्षा 10 और 12 के लिए प्रायोगिक परीक्षाएं 21 जनवरी से 5 फरवरी, 2024 के बीच आयोजित की जानी हैं। विभिन्न विद्यालयों के लिए प्रायोगिक परीक्षा आयोजित करने के लिए परीक्षकों को नियुक्त करने से पहले, बोर्ड सचिव भगवती सिंह ने 23 दिसंबर, 2024 तक ऑनलाइन मोड के माध्यम से सभी विद्यालयों के प्रधानाचार्यों से शिक्षकों की अपडेट सूची मांगी है। बोर्ड सचिव ने प्रायोगिक परीक्षा के लिए शिक्षकों के नाम अपडेट करने में किसी भी तरह की विसंगति के खिलाफ चेतावनी दी है। उन्होंने यह भी चेतावनी दी है कि यदि बोर्ड के पोर्टल पर अपलोड की गई गलत या भ्रामक सूचना के आधार पर किसी अयोग्य या अपात्र शिक्षक को परीक्षक नियुक्त किया गया तो इसके लिए नाम अग्रसारित करने वाले संबंधित विद्यालय के प्रधानाचार्य जिम्मेदार होंगे।

बोर्ड सचिव भगवती सिंह द्वारा 16 दिसंबर को जारी पत्र के अनुसार वर्ष 2025 के लिए हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षा का कार्यक्रम घोषित कर दिया गया है। प्रयोगात्मक परीक्षा व मूल्यांकन कार्य के लिए परीक्षा केंद्रों पर केंद्र व्यवस्थापक, बाह्य केंद्र व्यवस्थापक, कक्ष निरीक्षक व परीक्षकों की नियुक्ति की जानी है। इसके लिए सभी विद्यालयों के प्रधानाचार्यों को निर्देशित किया गया है कि वे अपने-अपने विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के अपलोड किए गए विवरण को एक बार फिर से पूरी सावधानी व गहनता से जांच लें।

शिक्षकों का नाम, जन्मतिथि, नियुक्ति तिथि, पंजीकरण संख्या के अलावा शिक्षण विषय, योग्यता और जिस विषय के लिए हाईस्कूल या इंटरमीडिएट में नियुक्ति की गई है उसका विषय कोड व नाम भी दर्ज करें, ताकि कोई भी शिक्षक किसी गलत विषय का परीक्षक न नियुक्त हो और कोई भी अयोग्य शिक्षक परीक्षक न नियुक्त हो। पत्र में यह भी कहा गया है कि किसी भी परिस्थिति में एक शिक्षक का विवरण एक से अधिक विद्यालयों को नहीं भेजा जाना चाहिए। उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष राज्य के विभिन्न विद्यालयों से कई ऐसे मामले सामने आए थे, जिनमें ऐसे विषयों के शिक्षकों को परीक्षक नियुक्त कर दिया गया, जो उनके द्वारा नहीं पढ़ाए जाते थे। इसके अलावा एक ही शिक्षक को एक से अधिक स्थानों पर परीक्षक नियुक्त किया गया था।

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