उत्तर प्रदेश

जीडीए आवंटियों की समस्याएं सॉफ्टवेयर के जरिए दूर करने की तैयारी में

Admindelhi1
30 March 2024 5:17 AM GMT
जीडीए आवंटियों की समस्याएं सॉफ्टवेयर के जरिए दूर करने की तैयारी में
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आवंटियों की समस्याएं ऐप के जरिए दूर होंगी

गाजियाबाद: जीडीए आवंटियों की समस्याएं सॉफ्टवेयर के जरिए दूर करने की तैयारी कर रहा है. इसके लिए प्राधिकरण एक सॉफ्टवेयर या ऐप तैयार कराने पर विचार कर रहा है. साथ ही प्राधिकरण से मिलने वाली मूलभूत सुविधाएं भी ऐप के जरिये दूर कराई जा सकती है.

जीडीए की विभिन्न योजनाओं में आवंटी है. प्राधिकरण की संपत्ति खरीदने वाले लोग रिफंड, नामांतरण, रजिस्ट्री और फ्री-होल्ड व अन्य काम कराने आते हैं. ऐसे में लोगों को यह काम कराने में काफी दिक्कत होती है.

काम नहीं होने पर जब आवंटी जीडीए वीसी या अन्य अधिकारियों के पास जाते हैं तो उनकी शिकायत पर बार-बार संबंधित बाबुओं को बुलाकर फाइल की स्टेटस की जांच करानी पड़ती है. इससे काफी दिक्कत होती है और समय भी प्रभावित होता है. इस समस्या को दूर करने के लिए ही प्राधिकरण संपत्ति मैनेजमेंट सिस्टम लागू करने पर विचार कर रहा है. इसके लिए एक सॉफ्टवेयर या ऐप बनाएगा, जिसके जरिये जीडीए उपाध्यक्ष या अन्य अधिकारी अपने कार्यालय में बैठकर एक क्लिक पर फाइल की जानकारी देख सकते हैं. वहीं, प्राधिकऱण से मिलने वाली मूलभूत सुविधाएं देने के लिए भी ऐप तैयार करने की योजना है, ताकि इस ऐप के जरिये लोग आवेदन कर सके.

बाबुओं पर होगी सख्ती संपत्ति से जुड़े आवेदनों के लिए सॉफ्टवेयर तैयार हो जाता है, तो बाबू अपनी मनमानी नहीं कर सकेंगे. हर फाइल का स्टेटस सॉफ्टवेयर में दर्ज किया जाएगा. अगर कोई बाबू लापरवाही करता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

गाजियाबाद 311 ऐप लांच हो चुका: पिछले दिनों नगर निगम ने गाजियाबाद 311 नाम से एक ऐप लांच किया था. इस ऐप के जरिये लोग नगर निगम से 66 शिकायत का समाधान करा सकेंगे. लोग घर बैठे ही ऐप के जरिये अपनी शिकायत दर्ज कराएंगे. इसमें सड़कों में गड्ढे, कूड़ा उठाना, अवैध डेयरी, अवैध पार्किंग, निगम पार्किंग की शिकायत, कुत्तों की शिकायत, पार्कों की स्ट्रीट लाइट, चौराहे की लाइट, पानी के लीकेज की समस्या, गंदे पानी की समस्या, हैंडपंप से संबंधित आदि शिकायत की जा सकेगी.

आवंटियों की समस्याएं सॉफ्टवेयर के जरिए दूर करने की योजना है. इसके लिए एक सॉफ्टवेयर या ऐप तैयार कराया जा सकता है. इससे कार्यालय में बैठक ही लोगों की समस्या का स्टेटस देखा जा सकेगा. -अतुल वत्स, उपाध्यक्ष, जीडीए

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