- Home
- /
- राज्य
- /
- उत्तर प्रदेश
- /
- गाजियाबाद में घर-जमीन...
गाजियाबाद में घर-जमीन के सर्किल रेट बढ़ाने की तैयारी
गाजियाबाद न्यूज़: जनपद में जमीन और घर खरीदना और भी महंगा होगा. जिला प्रशासन एक बार फिर सर्किल रेट बढ़ने की तैयारी कर रहा है. इसके लिए निबंधन विभाग की टीम ने जनपद का सर्वे शुरू कर दिया. टीम मुख्य सड़क के किनारे नए प्रोजेक्ट के आसपास के सर्किल रेट पर ज्यादा ध्यान दे रही है.
टीम सर्किल रेट के साथ ही जमीन के बाजार भावों की जानकारी जुटी रही है. इसकी रिपोर्ट अगस्त में शासन को भेजी जाएगी. प्रशासन के अनुसार पिछले कई सालों से सर्किल रेट को रिवाइज नहीं किया गया था. हालांकि अब पिछले साल सर्किल रेट बढ़ाया गए थे लेकिन उनमें मामूली बढ़ोतरी की गई थी. सर्किल रेट बढ़ने की सूचना के कारण शहर में संपत्तियों की खरीद में काफी उछाल आया था. अब एक बार फिर से सर्किल रेट बढ़ाने की तैयारी की जा रही है. किस स्थान पर कितना सर्किल रेट बढ़ाया जाय और उसके बढ़ने की वजह क्या है इसके लिए निबंधन विभाग ने सर्वे शुरू कर दिया है.
साल 2022 में हुआ था रिवाइज पिछले साल सर्किल रेट को रिवाइज किया गया था. इसमें काफी कम बढ़ोतरी की गई थी. इससे पहले वर्ष 2016 में सर्किल रेट बढ़ाया गया था. लंबे समय से सर्किल रेट न बढ़ने के कारण सरकार को राजस्व का काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है. एक साथ ज्यादा बढोतरी भी नहीं की जा सकती. यहीं कारण है कि पिछले साल सर्किल रेट बढ़ाने जरूरी थे लेकिन उनमें मामूली बढ़ोतरी की गई थी. शासन इस साल सर्किल रेट में फिर से बढ़ोतरी की योजना बना रहा है. इस बार कितने प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी यह कहना अभी तय नहीं है.
बता दें कि गाजियाबाद को आठ सर्किलों में बांटा गया है. इन सर्किल में प्रशासन की तरफ से कॉलोनियों की लोकेशन और आबादी के हिसाब से रेट तय किए जाते हैं. सर्किल रेट तीन श्रेणियों में तय हैं. पहला नौ मीटर चौड़ी रोड के किनारे बसा क्षेत्र, दूसरा नौ मीटर से 18 मीटर चौड़ी रोड के किनारे और तीसरा 18 मीटर से अधिक चौड़ी रोड के किनारे बसा क्षेत्र है.
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का भी असर पड़ा
सर्किल रेट बढ़ाने का एक प्रमुख आधार ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट भी है. गाजियाबाद में एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के प्रोजेक्ट लगाने के लिए निवेशकों ने प्रस्ताव दिए हैं. इन प्रोजेक्ट की किनारे जमीन के दाम महंगे होंगे.
कम और अधिक बैनामा बनेगा आधार
जिलाधिकारी के मुताबिक सर्किल रेट का आधार क्षेत्र में हुए बैनामा को बनाया जाएगा. जिस क्षेत्र में संपत्तियों के बैनामे अधिक हो रहे होते हैं वहां सरकारी दर और बाजार मूल्य को देखा जाता है.