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मुजफ्फरनगर। वेस्ट यूपी में खासतौर पर मुजफ्फरनगर में प्रदूषण को लेकर हालात लगातार बिगडते जा रहे हैं। जिसके तहत आए दिन प्रदूषण बढ़ रहा है। शनिवार को भी मुजफ्फरनगर पूरे यूपी में सबसे ज्यादा प्रदूषित रहा। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने वायु गुणवत्ता सूचकांक 381, गाजियाबाद में 322, मुजफ्फर नगर में 332 और ग्रेटर नोएडा में 312 दर्ज किया। बिगडते हालात के बीच प्रदूषण विभाग जनपद मुजफ्फरनगर व शामली में 216 फैक्ट्रियों को बंद करने की तैयारी कर रहा है, जिसके कारण उद्योगपतियों में हडकंप मच गया है।
उल्लेखनीय है कि वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने दिल्ली-एनसीआर सहित आसपास के क्षेत्रों में संचालित ऐसी औद्योगिक इकाइयों को बंद करने का आदेश जारी किया है, जिनमें मानकों के रूप में ईधन का प्रयोग नहीं हो रहा है। बताया जा रहा है कि जनपद मुजफ्फरनगर व शामली की 216 औद्योगिक इकाईयां इस आदेश के चलते बंदी की कगार पर हैं। इन औद्योगिक इकाईयों में पेपर मिल, रोलिंग मिल, कोल्हू आदि शामिल है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग की जारी सूची में इन फैक्ट्रियों के नाम शामिल होने की वजह यहां सीएनजी, पीएनजी और एलपीजी व कोयला आधारित टरबाइन का न होना बताया गया है। बताया जा रहा है कि हाल ही में क्षेत्रीय प्रदूषण कार्यालय ने सर्वे के बाद ऐसी यूनिटों की सूची तैयार कर भेजी थी। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग की सूची में भेजी गयी सूची की लगभग सभी यूनिटों को शामिल कर बंदी का आदेश शनिवार को जारी किया गया है।
बहरहाल वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के आदेश से मुजफ्फरनगर व शामली के औद्योगिक क्षेत्रों में सनसनी फैल गयी है। यदि यह आदेश लागू होते हैं तो अनेक औद्योगिक इकाइयों पर ताला लग जाएगा और हजारों लोग बेरोजगार होंगे। शनिवार के आदेश के बाद से ही औद्योगिक इकाइयों के प्रबंधन में अफरा-तफरी का माहौल है। कुछ ने इसके विकल्प पर विचार शुरू कर दिया है।
क्षेत्रीय प्रदूषण विभाग ने यूनिटों की सर्वे कर ऐसी यूनिटों को बंद करने की तैयारियों पर काम शुरू कर दिया है। इन इकाइयों के संचालकों को नोटिस भेजा जा रहा है। क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी अंकित सिंह ने बताया कि दिल्ली के एक्यूआई के आधार पर वायु प्रदूषण नियंत्रण किए जाने के लिए ग्रैप स्टेज-चार की कार्रवाई क्षेत्र में की जा रही है।
आयोग के आदेश पर मुजफ्फरनगर और शामली जनपद की 216 औद्योगिक इकाइयां चिन्हित की गई है। इन्हें नोटिस भेजकर जवाब मांगा जा रहा है। पूछा गया है कि वह नियमों को कितना पालन कर रहे हैं। लगातार क्षेत्र में भ्रमण भी किया जा रहा। आयोग के नियमों का जिन इकाइयों में पालन नहीं हो रहा है, उन्हें सील किया जा रहा है।
यह एक्शन प्लान लागू होने के बाद मुजफ्फरनगर में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने तीन जगह कार्रवाई की है। इसमें उद्योग मैसर्स इंटरप्राइजेज, एग्रोटेक मार्केटिंग कंपनी और कोल्हू पर कार्रवाई कर सील किया गया है।
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