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वाराणसी न्यूज़: बनारस में लम्बे समय बाद आवास विकास दो बड़ी टाउनशिप परियोजनाएं लेकर आ रहा है. रिंग रोड किनारे हरहुआ व सारनाथ में 500 एकड़ में दो टाउनशिप विकसित होगी. हरहुआ में 300 एकड़ और सारनाथ में 200 एकड़ जमीन चिह्नित की गई है. विभाग भू-अधिग्रहण के बाद खुद मूलभूत सुविधाएं विकसित करेगा. प्रदेश आवास एवं विकास परिषद के आयुक्त रणवीर प्रसाद ने प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है. राजस्व विभाग से रिकॉर्ड से मूल्यांकन शुरू कर दिया गया है. माह के अंत तक दोनों परियोजनाओं के नोटिफिकेशन जारी होने की उम्मीद है.
आवास विकास परिषद ने अब तक केवल पांडेयपुर क्षेत्र में टाउनशिप विकसित की है. जमीन के अभाव में वर्षों से न तो विकास प्राधिकरण और न ही आवास विकास परिषद की ओर से कोई परियोजना लाई जा सकी. इसका फायदा लगातार निजी विकासकर्ता उठा रहे हैं. छोटी-छोटी अनियोजित कॉलोनियों के विकास का दायरा रिंग रोड तक पहुंचने लगा है. इसके मद्देनजर शासन के अधिकारियों ने रिंग रोड किनारे आवासीय योजना के लिए दबाव बनाया तो आवास विकास परिषद को टाउनशिप बसाने की जिम्मेदारी दी गई. पिछले माह अपर मुख्य सचिव आवास नितिन रमेश गोकर्ण और आवास विकास परिषद के आयुक्त ने दौरा कर परियोजना को धरातल पर लाने के लिए स्थलों का सर्वे किया था. पिछले हफ्ते भेजे गये आवास विकास परिषद के हरहुआ, सारनाथ के प्रस्ताव पर आयुक्त ने मुहर लगा दी है.
पहले चरण में हरहुआ में होगा विकास
आवास विकास परिषद के अफसरों के मुताबिक पहले चरण में हरहुआ में टाउनशिप विकसित होगी. इसके लिए वाजिदपुर, हरहुआ, रामसिंहपुर, प्रतापपट्टी, बिसुनपुर व मिर्जापुर आदि गांवों की जमीनों को चिह्नित किया गया है. यहां पहले प्रयास में किसान सहमत भी हैं. वर्तमान सर्किल रेट के हिसाब से जमीन का अधिग्रहण होगा. दूसरे चरण में सारनाथ में आवासीय योजना विकसित की जाएगी.
बनारस में आवासीय योजनाएं विकसित करना महंगा
बनारस में आवासीय योजनाएं विकसित करना बाकी शहरों की अपेक्षा काफी महंगा है. इसके पीछे सर्किल रेट अधिक और जमीन की कम उपलब्धता बताई जा रही है. अधिकारियों के मुताबिक अयोध्या की तुलना में बनारस में दो-तीन गुना महंगी आवासीय परियोजनाएं हैं. बाजार दर भी सरकारी योजनाओं को प्रभावित करती है. इसलिए योजनाएं धरातल पर उतरने में देरी हुई.