उत्तर प्रदेश

गुजरात मॉडल पर जमीन अधिग्रहण की तैयारी, प्राधिकरण कुछ जमीन सीधे खरीदेगा

Admin Delhi 1
13 May 2023 1:58 PM GMT
गुजरात मॉडल पर जमीन अधिग्रहण की तैयारी, प्राधिकरण कुछ जमीन सीधे खरीदेगा
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नोएडा न्यूज़: नए नोएडा का जमीन अधिग्रहण गुजरात मॉडल पर करने की तैयारी है. नोएडा प्राधिकरण की टीम सीएपी मॉडल का अध्ययन करने के लिए गुजरात जाएगी. गुजरात के अलावा हरियाणा-राजस्थान आदि की भी जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया देखी जाएगी. मॉडल तय करने के बाद उसका बोर्ड में प्रस्ताव रखकर मंजूरी के लिए शासन को भेजा जाएगा.

नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि नए नोएडा का मास्टर प्लान 2041 तैयार किया जा रहा है. मास्टर प्लान तैयार करने की प्रक्रिया अंतिम चरण में चल रही है. किसी शहर को बसाने के लिए सबसे पहले जमीन अधिग्रहण किया जाना है तो अभी तक तय नहीं हो सका है. हुई बैठक में स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर दिल्ली की ओर से मास्टर प्लान और जमीन अधिग्रहण के लिए रिपोर्ट प्रस्तुत की गई. यह रिपोर्ट अधूरी थी जिस पर सीईओ ने नाराजगी जताई. मास्टर प्लान के लिए कुछ और निर्देश सीईओ ने दिए हैं. इसके अलावा जमीन अधिग्रहण के लिए गुजरात मॉडल का अध्ययन करने के निर्देश दिए हैं.

अन्य राज्यों की प्रक्रिया भी देखी जाएगी सीईओ ने बताया कि मुख्य तौर पर गुजरात के अलावा हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, यूपी का आवास-विकास आदि की जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया को देखेंगे. इसके अलावा फाइनेनशियल प्रक्रिया का भी अध्ययन किया जाएगा. जो बेहतर होगा, उसे नए नोएडा के लिए लागू करेंगे.

कुछ जमीन सीधे खरीदेगा प्राधिकरण पिछले महीने हुई बोर्ड बैठक में नए नोएडा में जमीन अधिग्रहण के लिए एक हजार करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है. अधिकारियों ने बताया इसके सड़क बनाने और कुछ जरूरी इंडस्ट्री के लिए प्राधिकरण सीधे किसानों से जमीन खरीदेगा.

गुजरात में इस तरह ली जाती है जमीन:

● गुजरात औद्योगिक विकास निगम (जीआईडीसी) द्वारा संबंधित किसानों की उचित सहमति से भूमि का अधिग्रहण किया जाता है

● किसानों को उनकी संपत्ति के लिए प्रचलित बाजार दरों पर उचित मुआवजा दिया जाता है

● ढांचागत विकास के बाद कथित तौर पर किसानों को ऊंची कीमत में हिस्सा दिया जाता है

● जमीन के प्रत्येक टुकड़े का बाजार मूल्य सेंटर फॉर एनवायरनमेंटल प्लानिंग एंड टेक्नोलॉजी (सीईपीटी) विश्वविद्यालय द्वारा निर्धारित किया जाता है

● विकास के बाद, किसानों को उनके संबंधित भूखंडों पर संचालित उद्योगों से प्राप्त राशि का दस प्रतिशत प्राप्त होता है

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