उत्तर प्रदेश

औद्योगिक क्षेत्रों में लघु उद्योगों के विस्तार की तैयारी

Admin Delhi 1
23 Sep 2023 4:35 AM GMT
औद्योगिक क्षेत्रों में लघु उद्योगों के विस्तार की तैयारी
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गाजियाबाद: औद्योगिक क्षेत्रों में बंद पड़ी बड़ी औद्योगिक इकाइयों में छोटे भूखंड काटकर लघु उद्योग को विस्तार देने की तैयारी की जा रही है. इन भूखंडों पर करीब डेढ़ हजार से अधिक लघु एवं मध्यम श्रेणी के उद्योग लगेंगे.

साहिबाबाद औद्योगिक क्षेत्र की बंद पड़ी तीन इकाइयों को उप विभाजन कर छोटे भूखंड विकसित करने की अनुमति भी मिल गई है. तीन अन्य औद्योगिक इकाइयों को अनुमति का इंतजार है. साहिबाबाद औद्योगिक क्षेत्र में सबसे अधिक बंद पड़ी इकाइयां हैं, जिनका क्षेत्रफल पांच हजार वर्ग मीटर से अधिक है. बीते दो महीने के अंदर तीन बड़ी औद्योगिक इकाइयों के मालिकों ने उप विभाजन की अनुमति मांगी थी. जिसे उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण से मंजूरी मिल गई है. अब परिसर में छोटे उद्योगों के लायक भूखंड विकसित किए जा सकेंगे. औद्योगिक संगठनों द्वारा उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण की बैठक में अन्य सभी बड़े भूखंडों वाली इकाइयों में उप विभाजन का सुझाव दिया गया है. गाजियाबाद इंडस्ट्रीज फेडरेशन के अध्यक्ष अरुण शर्मा, इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के एमएसएमई सेक्टर के चेयरमैन प्रदीप गुप्ता, साउथ साइड जीटी रोड औद्योगिक क्षेत्र एसोसिएशन के चेयरमैन हरिओम चौहान एवं लघु उद्योग भारती के उपाध्यक्ष उपेंद्र गोयल का कहना है कि औद्योगिक नगरी में कई बड़ी इकाइयां हैं जिनका क्षेत्रफल पांच हजार वर्ग मीटर से अधिक है. लेकिन सालों से बंद रहने के बाद परिसर में नए भूखंड विकसित किए गए. नए छोटे उद्योग लगने से औद्योगिक निवेश के साथ रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा.

इस तरह के भूखंडों पर नीति लागू

ऐसी औद्योगिक इकाइयां जो लंबे अरसे से खस्ताहाल या घाटे में चलकर बंद हो गई हो, उसके परिसर का क्षेत्रफल पांच हजार या उससे अधिक वर्ग मीटर में फैला हो. किसी न्यायालय में फैक्टरी के लेनदेन का वाद लंबित न हो, उन इकाइयों के मालिक उपविभाजन की नीति के तहत परिसर में छोटे-छोटे भूखंड विकसित कर उसे बेच सकते हैं.

साहिबाबाद औद्योगिक क्षेत्र के तीन इकाइयों के मालिकों ने उपविभाजन के लिए प्रार्थना पत्र दिया गया था. उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण मुख्यालय से मुहर लगते ही इन इकाइयों में उपविभाजन की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी.

-प्रदीप सत्यार्थी, क्षेत्रीय प्रबंधक, उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण

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