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Prayagraj: हाईकोर्ट ने अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी सहारनपुर की गिरफ्तारी पर रोक लगाई
प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मेरठ के मदरसों में छात्रवृत्ति वितरण में 12 साल पहले हुए 34 लाख गबन व धोखाधड़ी की आरोपित सुमन गौतम, अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी सहारनपुर की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने शिकायतकर्ता को नोटिस जारी कर राज्य सरकार व विपक्षियों से चार हफ्ते में जवाब मांगा है। कोर्ट ने याची को विवेचना में सहयोग करने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ तथा न्यायमूर्ति सुभाष चंद्र शर्मा की खंडपीठ ने दिया है।
याची का कहना है कि वर्ष 2009 से 2012 में सरकार द्वारा 4 मदरसों (सिवाल हाईस्कूल, न्यू सिवाल इंटर कालेज सिवाल मकतब, सिवाल फकोनिया) के प्रबंधक मुश्ताक अहमद के खाते में छात्रवृत्ति 34 लाख रुपये भेजी गई। छात्रवृत्ति वितरण में अनियमिताओं की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की गई।
अधिवक्ता ने बताया कि याची एफ आई आर में नामजद नहीं है। याची ने सरकार की गाइडलाइन के अनुसार मदरसा संचालकों के खातों में छात्रवृत्ति भेजी थी जो संचालक द्वारा छात्रों को छात्रवृत्ति का वितरण किया जाना था। मई 2012 में याची का तबादला मेरठ से शामली हो गया था। मामले की जांच आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन द्वारा की जा रही है। पिछले 13 साल से आज तक कोई भी गबन की धनराशि की वसूली नहीं हुई।
कहा गया कि याची पहले से ही अन्य 3 केस में जमानत पर है। याची निर्दोष है। आर्थिक अपराध संगठन ने पूर्व में विभागीय जांच में गबन का कोई आरोप नहीं पाया था। हाइकोर्ट ने शिक़ायतकर्ता तत्कालीन जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी शेषनाथ पांडेय जो वर्तमान समय मे संयुक्त सचिव अल्पसंख्यक कल्याण के पद पर लखनऊ में तैनात है, को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह में राज्य सरकार सहित पुलिस अधीक्षक आर्थिक अपराध संगठन मेरठ व अन्य को जवाब दाखिल करने का आदेश पारित किया।