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Prayagraj: अतीक अहमद की अवैध संपत्तियों का कुर्क कार्य लगातार जारी
प्रयागराजः माफिया अतीक अहमद की अवैध संपत्तियों का पता लगाकर उसे कुर्क करने का कार्य लगातार जारी है. इसी कड़ी में पिछले साल अगस्त में पता चली माफिया अतीक अहमद के नौकर के नाम वाली करोड़ो की कीमत वाली 20 बीघे कुर्क की गयी जमीन को सरकार के नाम करने का आदेश गैंगस्टर कोर्ट ने दिया है. इसके बाद अब करीब 50 करोड़ कीमत वाली इस जमीन को सरकार के पक्ष में करने की कार्यवाई की जाएगी.
गैंगस्टर कोर्ट में पुलिस और अभियोजन की तरफ से की गयी मजबूत पैरवी की वजह से माफिया की बेनामी संपत्ति को एक साल के अंदर कुर्क कर उसे सरकार के नाम पर करने का आदेश कोर्ट ने दिया है. इस जमीन को कुर्क करने का आदेश नवंबर 2023 में पुलिस आयुक्त की न्यायालय ने दिया था.बता दें कि उमेश पाल हत्याकांड के बाद प्रयागराज पुलिस ने माफिया की बेनामी अवैध संपत्तियों का पता लगाकर उनके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्यवाई शुरू की थी. उसी जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि अतीक अहमद के यहां राजमिस्त्री का काम करने वाले हुबलाल के नाम पर करोड़ों की कीमत वाली 20 बीघा जमीन रजिस्ट्री करवायी थी.
इसके बाद उस मामले की पुलिस ने जांच शुरू की तो परत दर परत सच्चाई उजागर होने लगी. हुबलाल ने खुद पुलिस के पास आकर दी थी जानकारी 15 अप्रैल को अतीक अहमद और उसके भाई ख़ालिद अज़ीम उर्फ अशरफ की हत्या के कुछ समय बाद हुब लाल ने खुद पुलिस के पास जाकर जानकारी दी थी कि उसके नाम पर अतीक अशरफ ने कई जमीनों की रजिस्ट्री करवायी है लेकिन उसे उसके बारे में कोई खास जानकारी नहीं है. इसके बाद पुलिस और राजस्व टीम की जांच में पता चला कि 2015 में हुबलाल के नाम पर माफिया बंधुओं ने 20 बीघे जमीन रजिस्ट्री सर्किल रेट से भी कम दाम मात्र 30 लाख रुपये देकर करवायी थी. उस वक्त भी सर्किल रेट के मुताबिक पौने 2 करोड़ के करीब था जबकि अभी इस 20 बीघे जमीन की कीमत बढ़कर 12 करोड़ रुपये तक हो गयी है जबकि जमीन का कारोबार करने वालों के मुताबिक बाजार भाव के हिसाब से इसकी कीमत 50 करोड़ तक हो सकती है.
14 लोगों की जमीन हुबलाल के नाम दर्ज कराई थी. प्रयागराज पुलिस को जब अतीक अहमद की बेनामी सम्पत्तियों के बारे में उसके नौकर ने ही जानकारी दी तो उसकी जांच शुरू की गई.जांच के दौरान ही पता चला कि अतीक अहमद ने 14 लोगों को डरा धमकाकर उनकी 20 बीघे (5.0510 हेक्टेयर) जमीन को हुबलाल के नाम पर रजिस्ट्री करवा दी थी.पुलिस की जांच में ही यह भी पता चला कि माफिया ने अपने प्रभाव से जमीन की रजिस्ट्री कम कीमत पर करवा ली थी.सर्किल रेट से कम में करवाई थी रजिस्ट्रीअतीक के रसूख की वजह से रजिस्ट्री करवाने में भी नियमों की अनदेखी की गई. इसका खुलासा माफिया के नाम पर मिली 20 बीघे जमीन के मालिक के नाम का खुलासा होने के बाद हुआ.
पुलिस को जब हुबलाल के नाम से अतीक की संपत्ति की जानकारी मिली तो उसकी जांच हुई. जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि हुबलाल के नाम से जो संपत्ति थी उसकी कीमत सर्किल रेट के हिसाब से 1 करोड़ 84 लाख 60 हजार 250 रुपये थी लेकिन उसकी रजिस्ट्री 2015 में अलग-अलग लोगों को कुल 30 लाख रुपये देकर हुबलाल के नाम पर रजिस्ट्री करवा ली थी.इसके बाद पुलिस आयुक्त न्यायालय के आदेश पर हुबलाल की संपत्ति को कुर्क करने का आदेश दे दिया गया था.
इसके साथ ही इस जमीन को जब्त कर शासन के नाम पर दर्ज करवाने के लिए गैंगस्टर कोर्ट में केस भेज दिया गया था. गैंगस्टर कोर्ट ने अतीक अहमद के पक्ष को जमीन का मालिकाना हक के सबूत पेश करने के लिए समय दिया था लेकिन तय बीतने के बाद भी जमीन पर किसी प्रकार का मालिकाना हक दाखिल नहीं किया गया. इसके बाद गैंगस्टर कोर्ट ने इस मामले फैसला सुनाते हुए जमीन को सरकार के नाम पर दर्ज करवाने का आदेश दे दिया है.अब इस जमीन को सरकार के नाम पर दर्ज करने के की कानूनी प्रक्रिया को पूरा करने के बाद वहां पर किसी भी प्रकार की सरकारी योजना के तहत विकास कार्य किया जा सकेगा.