- Home
- /
- राज्य
- /
- उत्तर प्रदेश
- /
- Prayagraj: विश्व...
Prayagraj: विश्व हिन्दू परिषद के शिविर में गुरू गोलवलकर के नाम से बनाया गया भव्य प्रवेश द्वार
प्रयागराज: महाकुंभनगर के सेक्टर 18 में बने विश्व हिन्दू परिषद के शिविर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वितीय सरसंघचालक रहे माधव राव सदाशिवराव गोलवलकर उपाख्य श्रीगुरू जी के नाम से भव्य प्रवेश द्वार बनाया गया है। द्वार पर श्रीगुरूजी का बड़ा चित्र लगाया गया है। मुख्य प्रवेश द्वार पर अंदर जाने पर राम मंदिर का माडल के दर्शन होंगे। राम मंदिर माडल के पीछे संत रामानुजाचार्य की विशालकाय घूमती हुए प्रतिमा स्थापित की गयी है। जो उधर से निकलने वाले श्रद्धालुओं का ध्यान बरबस ही खींच रही है। बाएं हाथ पर भव्य महर्षि सांदीपनि सभागार बनाया गया है। विहिप के सभी बड़े कार्यक्रम इसी सभागार में संपन्न हो रहे हैं।
विहिप के क्षेत्र संगठन मंत्री गजेन्द्र सिंह ने बताया कि विश्व हिंदू परिषद की स्थापना श्रीगुरूजी की ही प्रेरणा से 29 अगस्त 1964 को श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर हुई थी। इसके बाद महाकुम्भ मेले के पावन अवसर पर 1966 में प्रयाग में विश्व हिन्दू परिषद की ओर से प्रथम विश्व हिन्दू सम्मेलन आयोजित किया गया। इस सम्मेलन में श्री गुरुजी के अथक प्रयासों के परिणामस्वरूप चारों शंकराचार्यों सहित विभिन्न पंथ व संप्रदायों के संत धर्माचार्य एक मंच पर आए थे। इस सम्मेलन में अफ्रीका,श्रीलंका,मारीशस,फीजी,त्रिनिनाद,अमेरिका,थाईलैंड आदि देशों से बड़ी संख्या में हिन्दू प्रतिनिधि आये थे।
प्रथम विश्व हिन्दू सम्मेलन में विदेश में रहने वाले हिन्दूओं की चिन्ताजनक स्थिति की चर्चा की गई थी। उस समय त्रिनिदाद-टोबैगो में 40 प्रतिशत हिन्दू, हिन्दूओं का दमन होता था। चर्च में शादी करनी पड़ती थी, मन्दिर नहीं थे। उस समय के वहाँ के सांसद शम्भूनाथ कपिलदेव भारत आये। प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से मिले थे फिर श्रीगुरू जी से मिले। हिन्दुस्थान समाचार एजेंसी के संस्थापक दादा साहब आप्टे ने विदेश में रहने वाले हिन्दूओं के बारे में, उसमें समस्याओं के उपाय के बारे में तीन लेख लिखे थे।
सुरक्षा व स्वच्छता का विशेष ध्यान: विश्व हिन्दू परिषद के शिविर में महाकुंभ के दौरान बड़ी संख्या में लोगों के आने की उम्मीद है। विहिप के बड़े पदाधिकारियों व पूज्य संतों को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा चाक चौबन्द की गयी है। किसी भी आपातस्थिति में सुरक्षा की दृष्टि से ठोस बंदोबस्त किए गए हैं। इसके लिए तैनाती की गयी है। परिसर में सुरक्षा की दृष्टि से सीसीटीवी कैमरे लगाये गये हैं। कई भाषाओं के स्वयंसेवक व्यवस्था में लगाये गये हैं। वहीं विहिप के शिविर में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। आधुनिक शौचालय बनाये गये हैं। सैकड़ों स्वच्छताकर्मी लगाये गये हैं।
सीता रसोई का संचालन शुरू: विश्व हिन्दू परिषद की ओर से सीता रसोई का संचालन किया जा रहा है। अभी सैकड़ों श्रद्धालु नि:शुल्क भोजन प्रसाद ग्रहण कर रहे हैं। प्रतिदिन यह संख्या बढ़ रही है। संतों के भोजन प्रसाद के लिए अलग से व्यवस्था है। इसके अलावा झण्डेवाला मंदिर नई दिल्ली की ओर से विहिप के शिविर के अंदर और बाहर चाय का स्टाल लगाया गया है।
संतों के ठहरने के लिए बनाई गयी: विहिप के शिविर में 3000 संतों के ठहरने के लिए लग्जरी टेंट सिटी बनाई गयी है। परिसर को फूल पत्तियों से सजाया गया है। पार्किंग की भी उत्तम व्यवस्था है। रोशनी के लिए स्ट्रीट लाइट लगायी गयी है। वहीं सभी नगरों में चिकित्सा कैम्प भी खोले गये हैं।