- Home
- /
- राज्य
- /
- उत्तर प्रदेश
- /
- Pratapgarh: हाईटेंशन...
Pratapgarh: हाईटेंशन तार हटाने के लिए शासन ने स्कूलों का मांगा ब्योरा
प्रतापगढ़: बेल्हा के अलग-अलग विकास खंड में संचालित 245 परिषदीय स्कूलों में नौनिहाल अपनी जान खतरे में डालकर पढ़ाई कर रहे हैं.कारण इन स्कूलों के भवन के ऊपर से बिजली निगम के हाईटेंशन (11 हजार वोल्ट) तार गुजरे हैं.बिजली के खुले तार से होने वाले संभावित खतरे को भांपकर शासन ने ऐसे स्कूलों की सूची प्रदेश के सभी बीएसए से मांगा है.
झांसी अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में बिजली के शॉर्ट-सर्किट से लगा आग से नवजातों की जान जाने के बाद बेसिक शिक्षा विभाग भी सक्रिय हो गया है.बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से ऐसे सभी परिषदीय स्कूलों की सूची तैयार की जा रही है जिनके भवन के ऊपर अथवा बगल से बिजली की लाइन गुजरी है.
शासन के निर्देश पर बेल्हा में ऐसे 245 परिषदीय स्कूल चिन्हित किए गए हैं जिनके ऊपर से गुजरे बिजली के खुले तार से कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है.
इन स्कूलों के भवन के ऊपर से गुजरी बिजली के तार हटाने पर कितना खर्च आएगा, इसका इस्टीमेट बिजली निगम के अफसरों से तैयार कराया जा रहा है.इस्टीमेट तैयार कराने के बाद शासन से धनराशि की डिमांड की जाएगी.फिलहाल शासन से मिले निर्देश के मुताबिक शीघ्र ही स्कूलों के भवन के ऊपर से गुजरी बिजली की लाइन हटवाने की व्यवस्था कराई जाएगी.
अफसरों की अनदेखी से खतरे में है बच्चों की जान: जिले भर में चिन्हित किए गए 245 परिषदीय ऐसे स्कूल जिनके भवन के ऊपर से हाईटेंशन बिजली के तार गुजरे हैं.इसमें से 50 फीसदी भवन ऐसे हैं जो बिजली के तार के नीचे बनाए गए हैं.कारण बिजली के तार पहले से लगाए गए थे ऐसे में भवन निर्माण के समय इस बात का खयाल रखा जाना चाहिए था कि इसका निर्माण ऐसे स्थान पर कराया जाए जहां बिजली के तार न गुजरे हों.
शासन के निर्देश पर जिले के 245 ऐसे परिषदीय स्कूल चिन्हित किए गए हैं जिनके भवन के ऊपर अथवा भवन से सटकर बिजली की लाइन गुजरी है.बिजली की लाइन हटाने पर आने वाले खर्च का इस्टीमेट तैयार कराया जा रहा है, इसे शासन को भेजकर धनराशि की डिमांड की जाएगी.
प्रदीप यादव, डीसी निर्माण