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Pratapgarh: जालसाजों ने गेल के पूर्व अधिकारी से डेढ़ करोड़ रुपये ऐंठे
प्रतापगढ़: साइबर अपराधियों ने पार्ट टाइम नौकरी कर घर बैठे लाखों रुपये हर महीने कमाने का झांसा देकर गेल से सेवानिवृत्त चीफ जनरल मैनेजर से डेढ़ करोड़ रुपये ठग लिए. आरोपियों ने कई बार में मैनेजर से रकम ट्रांसफर करवाई. ठगी की जानकारी होने के बाद पीड़ित ने मामले की शिकायत साइबर क्राइम थाने की पुलिस से की.
सेक्टर-62 निवासी देवानंद सिंह पासवान ने पुलिस को बताया कि जुलाई में उन्हें सोनाक्षी नाम की युवती ने पोलैंड आधारित एक कंपनी में पार्ट टाइम नौकरी करने का ऑफर दिया. ट्रैवल से जुड़ी इस कंपनी में उन्हें होटल का रिव्यू करना था. शुरुआत में कुछ रुपये उन्हें दिए गए. बाद में उन्हें बताया गया कि ज्यादा कमाई के लिए उन्हें कंपनी में कुछ सिक्योरिटी फंड जमा करना होगा. साथ ही, कंपनी की वर्षगांठ के कारण उन्हें ज्यादा रिटर्न मिलने का दावा भी किया गया.
उन्होंने 20 लाख रुपये आरोपियों के खाते में ट्रांसफर किए. ठगों द्वारा डाउनलोड कराए गए ऐप और उनकी साइट पर 16 लाख रुपये का मुनाफा होता पीड़ित को दिखाया. इसके बाद देवानंद को यकीन हो गया कि वह कम रुपये निवेश कर मोटी रकम कमा सकते हैं. झांसे में आने के बाद कई बार में उन्होंने करीब डेढ़ करोड़ रुपये ठगों द्वारा बताए गए विभिन्न खाते में ट्रांसफर कर दिए. इस पर उन्हें करोड़ रुपये का मुनाफा होना बताया गया.
देवानंद ने जरूरत पड़ने पर रकम निकालने का प्रयास किया तो रुपये नहीं निकले. कारण पूछने पर ठगों ने और निवेश करने के लिए कहा. जब देवानंद ने और रुपये देने से इनकार किया तो ठगों ने उससे पूरी तरह से संपर्क तोड़ दिया. सोनाक्षी नाम की युवती ने पीड़ित को जिस ग्रुप में जोड़ा था, उससे भी देवानंद को निकाल दिया गया.
पुलिस के मना करने के बावजूद रकम ट्रांसफर की ठगी की आशंका होने पर पीड़ित थाने पहुंचा और पुलिस अधिकारियों को पूरी आपबीती बताई. पुलिस ने ठगों से फिर से संपर्क न करने की हिदायत दी. ठगों के कहने पर शिकायतकर्ता एक करोड़ 16 लाख रुपये की रकम पहले ही निवेश कर चुका था. जैसे ही देवानंद थाने से बाहर निकले ठगों ने उनसे दोबारा संपर्क किया और कहा कि अगर उसने कुछ रकम और ट्रांसफर कर दी तो पूरे तीन करोड़ रुपये की रकम उन्हें मुनाफे के साथ मिलेगी.
पुलिस के मना करने के बावजूद पीड़ित फिर से झांसे में आ गया और 22 लाख और 11 लाख रुपये की रकम दो बार में ट्रांसफर कर दी. कई दिन तक पीड़ित तीन करोड़ रुपये खाते में आने का इंतजार करता रहा. इस दौरान ठगों ने उससे संपर्क तोड़ दिया. जब रकम नहीं आई तो देवानंद ने फिर से पुलिस से संपर्क किया.