उत्तर प्रदेश

Pratapgarh: सुबह 10 बजे तक इलाज के लिए डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी नहीं मिलते

Admindelhi1
21 Sep 2024 10:38 AM GMT
Pratapgarh: सुबह 10 बजे तक इलाज के लिए डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी नहीं मिलते
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सीएचसी-पीएचसी में समय से नहीं पहुंच रहे डॉक्टर

प्रतापगढ़: स्वास्थ्य विभाग जिले के सीएचसी-पीएचसी के भरोसे ग्रामीण इलाके के मरीजों को बेहतर इलाज की सुविधा देने का दावा करता है लेकिन हकीकत इससे एकदम हटकर है. इन अस्पतालों में सुबह 10 बजे तक इलाज के लिए डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी नहीं मिलते. यहां भटकने के बाद भी मरीजों को दूसरे जगहों पर इलाज के लिए जाना पड़ता है.

जिले के रानीगंज इलाके में स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नरसिंह गढ़ में सुबह 10 बजे तक न डॉक्टर पहुंचे थे और न अन्य स्वास्थ्यकर्मी. स्वीपर अस्पताल का ताला खोलकर बैठा रहा और मरीजों को डॉक्टर के जल्द आने का आश्वासन देता रहा. यही हाल पीएचसी दुर्गागंज में भी दिखा सुबह साढ़े नौ सिर्फ डॉ.उमाशंकर बिंद बैठे मिले शेष स्वास्थ्यकर्मी नदारद रहे. सीएचसी रानीगंज और ट्रामा सेंटर में 10 बजे तक चिकित्सकों की कुर्सियां खाली रहीं, बाहर बैठे मरीज उनके आने का इंतजार करते रहे. कुंडा के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पूरे धनऊ में सुबह 10:05 बजे तक न चिकित्सक पहुंचे थे और न फार्मासिस्ट. मरीज और तीमारदार उनके इंतजार में बैठे दिखे.

यही हाल सीएचसी हथिगंवा में भी दिखा सुबह 10 बजे तक न डॉक्टर रहे और न स्वास्थ्यकर्मी. पीएचसी मानधाता में नौ बजे तक अधीक्षक नहीं पहुंचे थे. सिर्फ डॉ.सुरेशचन्द्र अपने चेम्बर में बैठकर मरीज देखते रहे. खास बात यह कि यहां दवा काउंटर पर अप्रशिक्षित कर्मचारी बैठकर दवाएं बांटता मिला. सीएचसी सांगीपुर में सुबह 10 बजे सिर्फ एक चिकित्सक चैम्बर में बैठकर मरीजों का इलाज करते मिले. उनके चैम्बर के सामने मरीजों की भीड़ लगी रही. लालगंज स्थित ट्रामा सेंटर में सुबह 9:20 बजे तक डॉ. ओपी पटेल और डॉ.शैलेश कुमार की कुर्सी खाली रही जबकि बाहर मरीज पर्चा बनवाकर उनका इंतजार करते रहे. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अठेहा में सुबह नौ बजे तक चिकित्सकों के कक्ष में ताला लटकता मिला. स्वास्थ्यकर्मियों ने बताया कि एक वर्ष से यहां चिकित्सक की तैनाती नहीं हुई. अस्पताल का संचालन वार्ड ब्वॉय और स्वीपर करते हैं.

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