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Pratapgarh: आपदा से बचाव के लिए काम आएंगी कोल्ड ड्रिंक की बोतल, नारियल और ट्यूब
प्रतापगढ़: आपदा से बचाव के मॉकड्रिल में एनडीआरएफ वाराणसी की 11वीं बटालियन के विशेषज्ञों ने कोल्ड ड्रिंक की बोतल, सूखे नारियल और वाहन की ट्यूब का प्रयोग कर बाढ़ से बचाव का तरीका बताया. सिलेंडर में आग लगने पर गीले चादर, गीला बोरा और अग्निशमन यंत्र से बचाने का तरीका सिखाया.
बेल्हा देवी धाम स्थित सई नदी तट पर जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और एनडीआरएफ वाराणसी की 11वीं बटालियन के विशेषज्ञों की ओर से आपदा से बचाव के लिए अब तक की गई तैयारियों की टेबल टॉप एक्सरसाइज और मॉकड्रिल की गई. शुरुआत करने पहुंचे डीएम संजीव रंजन ने कहा कि इससे आम जनमानस आपदा से बचाव के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकेंगे. उन्होंने कहा कि विशेषज्ञ आपदा के समय अपने आसपास मौजूद संसाधनों से ही राहत पाने का तरीका बता रहे हैं. डिप्टी कमांडेंट वाराणसी रामभवन सिंह यादव और एनडीआरएफ निरीक्षक इंद्रदेव कुमार ने आपदा से बचाव की विभिन्न जानकारी दी. विशेषज्ञों ने आग लगने, बाढ़ आने और पानी में व्यक्ति के डूबने के दौरान बचाव का मॉकड्रिल करके दिखाया. आपदा विशेषज्ञ अनुपम शेखर तिवारी ने बताया कि जिलाधिकारी के निर्देश पर वाराणसी के विशेषज्ञों को बुलाकर मॉकड्रिल कराया गया. इससे आम जनमानस भी आपदा से बचाव का तरीका सीख सकेंगे. संचालन रामप्रकाश ने किया. मॉकड्रिल में एडीएम त्रिभुअन विश्वकर्मा, जिला कमांडेंट होमगार्ड डॉ. धीरेन्द्र कुमार पांडेय, एसडीएम तनवीर अहमद, तहसीलदार सदर विनय कुमार द्विवेदी, अग्निशमन अधिकारी राजू, आपदा के मास्टर ट्रेनर महेश कुमार मिश्र, अतुल सिंह, सोनिया गुप्ता सहित स्कूलों के छात्र, छात्रा शामिल रहे.
मॉकड्रिल में फेल हो गई प्रशासन की ओबीएम मोटरबोट: जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और एनडीआरएफ वाराणसी की 11वीं बटालियन के संयुक्त आयोजकत्व में बेल्हा देवी धाम स्थित सई तट पर आपदा से बचाव का मॉकड्रिकल कराया गया. इसके लिए स्कूली बच्चों और आम जनमानस को जागरूक करने के लिए आमंत्रित किया गया था. विशेषज्ञ बारी-बारी से आपदा से बचाव का तरीका मॉकड्रिल कर सिखा रहे थे. जब बारी बाढ़ से बचाव की आई तो उसके लिए मोटरबोट की आवश्यकता थी. मोटरबोट पहले ही प्रशासन को शासन न उपलब्ध करा दी थी लेकिन उसका ट्रायल नहीं किया गया था. मोटरबोट चालू करने का प्रयास किया गया लेकिन सफलता नहीं मिली. इससे एडीएम त्रिभुअन विश्वकर्मा बिफर गए, उन्होंने मौके पर मौजूद जिम्मेदारों को खरी खोटी सुनाई. आखिरकार एनडीआरएफ की मोटरबोट से मॉकड्रिल पूरा किया गया. इस बात जिला आपदा विशेषज्ञा अनुपम शेखर तिवारी ने बताया कि ओबीएम मोटरबोट शासन से उपलब्ध कराई गई थी.