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Pratapgarh: एआई के डीपफेक वीडियो मरीजों को गुमराह कर रहे
प्रतापगढ़: आर्टिफिशिएल इंटेलिजेंस (एआई) का दुरुपयोग कर कुछ शातिर डीपफेक वीडियो बना सोशल मीडिया पर वायरल कर रहे हैं. अब तक लाइलाज मानी जाने वाली बीमारियों का ऐसे वीडियो में बहुत कम समय में सटीक इलाज का दावा किया जा रहा है. इतना ही नहीं ऐसे दावे के समर्थन में बड़े डॉक्टरों और फिल्म स्टार आदि प्रसिद्ध लोगों के डीपफेक वीडियो बनाकर वायरल किए जा रहे हैं. इससे मरीज और उसके रिश्तेदार गुमराह होकर अस्पतालों के चक्कर लगा रहे हैं. मेडिकल कॉलेज के राजा प्रताप बहादुर चिकित्सालय में ऐसे लोगों के पहुंचने से डॉक्टर हतप्रभ हैं.
मेडिकल कॉलेज के राजा प्रताप बहादुर चिकित्सालय स्थित मेडिसिन विभाग की ओपीडी में दोपहर अंतू का एक युवक पहुंचा और डॉ. रमेश पांडेय को अपने मोबाइल फोन में यूट्यूब खोलकर एक वीडियो दिखाने लगा. वीडियो न्यूज चैनल की फार्मेट में था. इसमें एक नामी नेशनल टीवी चैनल के एंकर को देश के बड़े निजी अस्पताल के एक प्रसिद्ध डॉक्टर का इंटरव्यू लेते दिखाया गया था. इसमें डॉक्टर दावा कर रहे हैं कि प्रोस्टेटाइटिस का इलाज महज एक हफ्ते में बिना ऑपरेशन के ठीक हो जाएगा. इतना ही नहीं उनकी बनाई दवा को सरकारी कार्यक्रम से भी जोड़कर दिखाया गया है. इस दवा के समर्थन में शाहरुख खान जैसे कई फिल्म स्टारों के बयान दिखाए जा रहे हैं. वीडियो देख डॉ. रमेश पांडेय ने उसे फर्जी बताया और चिंतित होकर मरीज से कहने लगे कि कुछ लाइक के चक्कर में ऐसा कृत्य मरीजों के लिए बहुत घातक है.
इसके बाद डॉक्टर ने फोन कर अन्य डॉक्टरों से इस बाबत चर्चा की तो पता चला कि पिछले कुछ दिन से सोशल मीडिया पर एआई के ऐसे डीपफेक वीडियो की भरमार हो गई है. शुगर और बीपी को पूरी तरह ठीक करने का दावा किया जा रहा है. ऐसा ही वायरल एक वीडियो चर्चा का विषय बना हुआ है. जिसमें कैंसर मरीज को मात्र नींबू पानी से ठीक करने का दावा किया जा रहा है. चिंता की बात यह है कि नींबू पानी से कैंसर ठीक करने का दावा करने वाले वीडियो में देश के नामचीन खिलाड़ी का इस्तेमाल किया गया है. हालांकि इस वीडियो के खिलाफ भी कुछ लोग आ गए हैं. फिर भी उक्त वीडियो से कैंसर मरीज गुमराह हो रहे हैं. वरिष्ठ सर्जन डॉ. केके तिवारी के पास जो मरीज ऐसे सवाल लेकर पहुंच रहे हैं उनसे वह सीधे कह रहे हैं कि किसी भी बीमारी के बारे में उस बीमारी के डॉक्टर की ही बात सुनें, किसी वीडियो या झोलाछाप आदि के चक्कर में पड़ना अपने स्वास्थ्य से खिलवाड़ है.