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- प्रसपा का सपा में हुआ...
मैनपुरी: देश के प्रतिष्ठित राजनीतिक घरानो में एक 'यादव परिवार' और समाजवादी पार्टी (सपा) समर्थकों के लिये 8 नवंबर का दिन दोहरी खुशी लेकर आया जब मैनपुरी में 'बहू' डिंपल यादव को मिली बंपर जीत के साथ चाचा शिवपाल सिंह यादव की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) का विलय भतीजे अखिलेश यादव की अध्यक्षता वाली सपा में हो गया। सपा प्रत्याशी डिंपल यादव ने अपने ससुर और पार्टी संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन के कारण रिक्त हुयी मैनपुरी सीट पर अपने निकटतम प्रतिद्धंदी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रत्याशी रघुराज सिंह शाक्य को 2 लाख 88 हजार 461 मतों से हराया। डिंपल की इस ऐतिहासिक जीत में उनके चचिया ससुर और प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल की भूमिका महत्वपूर्ण रही वहीं सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी परिवार की प्रतिष्ठा का सवाल बनी इस सीट पर जीत के लिये जम कर पसीना बहाया। डिंपल को इस उपचुनाव में 6 लाख 18 हजार 120 वोट मिले जबकि उनके प्रतिद्धंदी को 3 लाख 29 हजार 659 मत हासिल हुये। बाद में शिवपाल ने पत्रकारों से कहा कि अब उनकी पार्टी का विलय सपा में हो चुका है, और कार्यकर्ता पूरी शिद्दत से 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटेंगे। उनका लक्ष्य नेताजी (मुलायम सिंह यादव) के समाजवाद के सपने का साकार करने का है।
मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद शिवपाल और अखिलेश के बीच की दूरियों में कमी दिखने लगी थी, जबकि मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव से पहले अखिलेश और डिंपल चाचा शिवपाल से मिलने उनके घर गये थे। जिसके बाद शिवपाल ने खुले मंच से बहू डिंपल के पक्ष में समाजवादियों की एकता का आवाहन किया था। शिवपाल की परंपरागत विधानसभा सीट जसवंतनगर में डिंपल को एक लाख से अधिक रिकार्ड मत मिले हैं। इसका श्रेय भी शिवपाल की मेहनत को जाता है। अखिलेश ने चुनाव प्रचार के दौरान कहा था, कि चाचा शिवपाल को सपा में उचित सम्मान दिया जायेगा और 8 दिसम्बर के बाद समाजवादी पार्टी (सपा) में उनकी भूमिका तय की जायेगी।