उत्तर प्रदेश

ध्यान के साथ प्राणायाम करने से बुरे विचार होते है भस्म: गरुणध्वज पाण्डेय

Shantanu Roy
21 Nov 2022 12:06 PM GMT
ध्यान के साथ प्राणायाम करने से बुरे विचार होते है भस्म: गरुणध्वज पाण्डेय
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बस्ती। आत्मा के अन्दर दया, क्षमा, संयम, अहिंसा, सत्य, दम आदि अनेक दिव्य गुण हैं। ये गुण ही आत्मा के मित्र हैं। हमारे आचार, विचार, गुण, कर्म व स्वभाव में पवित्रता रहने पर ये बढ़ते हैं पर बुरे विचारों के आने ये आत्मा का साथ छोड़ने पर मजबूर हो जाते हैं। बुरे विचार अच्छे विचारों को भगाते हैं। मन में अच्छे-बुरे विचारों के द्वन्द्व का चलना ही देवासुर संग्राम है। ध्यान के साथ प्राणायाम करने से बुरे विचार भस्म हो जाते हैं। भस्त्रिका, कपालभाति व अनुलोम विलोम प्राणायाम से दिव्य गुण आत्मा से चिपक कर रहते हैं जिससे शरीर से नकारात्मक ऊर्जा निकल जाती है। उक्त बातें नरहरिया शिव मंदिर परिसर में चल रहे तीन दिवसीय योग विज्ञान शिविर के समापन सत्र में योग प्रशिक्षक गरुणध्वज पाण्डेय ने कही। इस अवसर पर डॉ प्रवेश कुमार संरक्षक पतंजलि योग समिति बस्ती ने बच्चों को आसनों का अभ्यास कराते हुए गोमुखासन, वज्रासन, वक्रासन, ताड़ासन, त्रिकोणासन एवं सूक्ष्म व्यायाम कराया।
वैद्य अजय चौधरी ने साधकों को निःशुल्क चिकित्सा परामर्श देते हुए अपने घर में तुलसी, सदबहार एवं गिलोय लगाने का सुझाव दिया और बताया कि भारत का प्रत्येक घर एक औषधालय है बस लोगों को इसके बारे में जानकारी देना है। सह योगशिक्षक शिवश्याम और दीपक शुक्ल ने लोगों को आसनों के ठीक प्रकार से करने में सहायता की। शिविर व्यवस्थापक राजू पाण्डेय व मदन गोपाल पाण्डेय ने बताया कि धूम्रपान से समाज को बचाने में हमारी मुख्य भूमिका हो सकती है। किसी सार्वजनिक स्थान पर धूम्रपान करना दण्डनीय है। लोगों के द्वारा रोके जाने पर लोगों पर ज्यादा प्रभाव पड़ेगा। हम योग को अपने दिनचर्या में शामिल करके रोगमुक्त हो सकते हैं और फिजूलखर्ची से भी बच सकते हैं। आज प्रत्येक गांव कस्बों में इस तरह के योग शिविरों की आवश्यकता है। इस अवसर पर डॉ आर के पाण्डेय ने योग शिक्षकों के प्रति हृदय से आभार व्यक्त किया। ओम प्रकाश आर्य जिला प्रभारी भारत स्वाभिमान समिति ने बताया कि लोगों को औषधि मुक्त व योगयुक्त जीवन प्रदान करना इन शिविरों का मुख्य उद्देश्य है।
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