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उत्तर प्रदेश
फिर दिखने लगे दीपोत्सव में दुरुस्त हुए नेशनल हाईवे के गड्ढे
Admin4
12 Nov 2022 6:19 PM GMT

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अयोध्या। दीपोत्सव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन के मद्देनजर नेशनल हाईवे पर कराई गई पैचिंग एक महीने तो दूर 22 दिन भी नहीं ठहर पाई। पैचिंग की गुणवत्ता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है एयरपोर्ट से लेकर अयोध्या तक गए नेशनल हाईवे पर गड्डे फिर ऊपर आ गए हैं। नतीजा लोगों को इस हाईवे से फिर हिचकोले खाने को मजबूर होना पड़ रहा है। बताया जाता है कि पैचिंग के नाम पर लाखों खर्च किया गया था, जिसे लेकर अब सवाल उठ रहे हैं।
एक ओर जहां सड़कों को गड्डा मुक्त करने के लिए सूबे की सरकार ने 15 नवंबर की डेडलाइन निर्धारित कर रखी है उसी बीच नेशनल हाईवे पर एनएचएआई द्वारा कराए गए पैचिंग कार्य के गुणवत्ता की परतें भी उखड़ने लगी है। अयोध्या में 23 अक्टूबर को दीपोत्सव के दौरान प्रधानमंत्री और अन्य वीआईपी के आगमन को देखते हुए अयोध्या एयरपोर्ट से नेशनल हाईवे के अयोध्या इंट्री प्वाईंट तक बड़े जोर शोर से गड्डे भरे गए थे। बताया जाता है कि करीब सात किलोमीटर तक अनुरक्षण कार्य कराया गया था। आनन-फानन में रात-दिन एक कर बड़े और छोटे गड्डों की डामर व गिट्टी से पैचिंग की गई थी। हैरत की बात यह है कि अभी 22 दिन भी नहीं बीते हैं और नेशनल हाईवे पर पाटे गए गड्डे फिर ऊपर आ गए हैं। पैचिंग होने की वजह से गड्ढों की चौड़ाई पहले से और बढ़ गई है। नतीजा हर आधे किलोमीटर पर गड्डे आने जाने वाले लोगों के लिए संकट बने हुए हैं। बाइक सवार तो इधर-उधर से बच कर गुजर जाते हैं लेकिन चार पहिया वाहनों के लोगों को ऐसा झटका लगता है कि कमर थामने को मजबूर होना पड़ता है।
बता दे कि महोबरा बाईपास मोड़ के निकट ही आधा दर्जन दर्जन गड्डे उभर कर सामने आ गए हैं। यहां दुकान करने वाले बताते हैं कि प्रधानमंत्री के दौरे को लेकर जैसे तैसे पैचिंग हुई थी, सोचा था धूल मिट्टी से निजात मिलेगी लेकिन फिर वही हालत है। गिट्टियां उछल कर दुकान तक आ जाती हैं। एयरपोर्ट से आगे बढ़ने के बाद ओवरब्रिज पर चढ़ते ही तीन स्थानों पर फिर गड्डे बन गए हैं। देवकाली ओवरब्रिज तक तो और बुरी स्थिति हो गई है। जितने भी गड्डों की पैचिंग की गई थी सब की सब खुल गई है। बूथ नम्बर चार के पास भी पैचिंग की गुणवत्ता धूलधूसरित हो गई है। यहां भी भरे गए गड्ढे ऊपर आ गए हैं। करीब सात किलोमीटर तक नेशनल हाईवे पर हुई पैचिंग साकेत पेट्रोल पम्प तक कार्यदायी संस्था और निगरानी की जिम्मेदारी संभालने वाले अफसरों की लापरवाही उजागर कर रही है।
इतना ही नहीं साकेत पेट्रोल पम्प से प्रधानमंत्री के जाने के लिए निर्धारित मार्ग तक का भी दुरुस्तीकरण ढीला पड़ गया है। लोगों का कहना है कि सारा काम आनन-फानन में कराया गया गुणवत्ता का कोई ध्यान नहीं रखा गया नतीजा 22 दिन भी सड़क की मरम्मत नहीं टिक सकी। जिसके चलते अब लोगों को तमाम दुश्वारियों का सामना करना पड़ रहा है।
बिन बरसात हो गया अनुरक्षण का यह हाल
गजब यह है कि पैंचिंग का कार्य कराने वाली एनएचआई पैंचिंग की पोल खुलने के पीछे बरसात का भी बहाना भी नहीं कर सकती है। 23 अक्टूबर से आज 12 नवम्बर तक 22 दिनों में एक बूंद भी बारिश नहीं हुई। बिना बारिश के ही पैंचिंग का खुलना गुणवत्ता पर सवाल उठाने के लिए काफी है। सबसे बड़ा प्रश्न यह है कि ऐसा कौन सा मैटैरियल इस्तेमाल किया गया जो 22 दिन भी नहीं टिक सका। जबकि पैंचिंग इसीलिए कराई जाती है कि साल दो साल तक लोगों को संकट न झेलना पड़े। इस संबंध में एनएचआई के अधिकारी जे पी सिंह से कई बार सम्पर्क का प्रयास किया गया लेकिन मोबाइल स्विच आफ आता रहा।
दीपोत्सव को लेकर तैयारियों के नाम पर भी खूब हुआ खेल
अकेले एनएचआई ही नहीं दीपोत्सव के दौरान सड़कों की मरम्मत और अन्य तैयारियों के नाम पर भी खूब खेल हुआ। लोक निर्माण विभाग ने तो प्रधानमंत्री के आगमन के दिन ही लाखों के कार्य का टेंडर जारी कर दिया था जिसे लेकर खासी चर्चा रही। इसमें डिवाइडर की मरम्मत और अन्य कार्य शामिल थे। सहज अंदाजा लगाया जा सकता है जिम्मेदार विभागों ने किस तरह से अपनी जिम्मेदारी निभाई।

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