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चार दशक से विकसित इंदिरा नगर विकास की दौड़ में इतना ज्यादा पिछड़ गया, यहां अच्छी सड़कें तो दूर जल निकासी तक का बेहतर प्रबंध नहीं है। खाली पड़े भूखंडों में पूरे साल जलभराव रहता है और ज्यादा बारिा होने पर पानी लोगों के घरों में भी घुस जाता है। जलभराव की वजह से यहां की जनता बदबू और इसमें पलने वाले मच्छरों से परेशान है।
विकास प्राधिकरण ने चार दशक पहले इंदिरा नगर आवासीय कालोनी भाग 1 और 2 के रूप में विकसित किया गया था। विकास की उम्मीदें संजोये तमाम लोगों ने शहर के इस पॉश इलाके में आलीशान इमारतें बनवा डालीं। तकरीबन एक दशक बाद भी जब विकास के नाम पर यहां कुछ नहीं हुआ तो लोगों की उम्मीदों पर पानी फिरना शुरू हो गया। इंदिरा नगर में विकास के लिये समिति बनी।
अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों तक सभी को प्रार्थना पत्र देकर विकास की मांग की गई, लेकिन स्थिति जस कि तस बनी रही और आज भी इंदिरा नगर में विकास के नाम पर कुछ नहीं हुआ। इसीलिये बाद में जिन लोगों ने भूखंड खरीद तो लिये लेकिन विकास न होने पर तमाम लोगों ने आवासों का निर्माण नहीं कराया। बीते कई वर्षों से इन भूखंडों में बारिश के दिनों में जो जलभराव होता है, वह लोगों के घरों को तबाह करता है।
बारिश के दिनों में रास्ता चलने लायक नहीं बचता और बारिश का पानी लोगों के घरों में घुस जाता है। जलभराव के कारण कॉलानी में बरसात के दिनों में मच्छरों की बाढ़ सी आ जाती है और तमाम संक्रामक रोग भी पनपने लगते हैं। इस संबंध में न तो किसी राजनीतिक दल ने ध्यान दिया और न ही किसी अधिकारी ने ही संज्ञान में लिया। यहां के निवासियों एसके सिंह, रामू गुप्ता, राजेश शुक्ला, कुंवर बहादुर सिंह, मयंक, अशोक, पवन, शक्ति सिंह, भरत सिंह गुलाब आदि ने इंदिरा नगर आवासीय कालोनी के भाग 1 व 2 में जलभराव के पानी की निकासी कराने की व्यवस्था की की मांग की है।
न्यूज़ क्रेडिट: amritvichar