उत्तर प्रदेश

पूंछ थाना पुलिस ने अवैध असलहा बनाने की फैक्ट्ररी पकड़ी

Admindelhi1
24 May 2024 11:12 AM GMT
पूंछ थाना पुलिस ने अवैध असलहा बनाने की फैक्ट्ररी पकड़ी
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मौके से दो लोगों को गिरफ्तार किया गया

झाँसी: पूंछ थाना पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है. बंद पड़े एक ढाबा के तलघर से अवैध असलहा बनाने की फैक्ट्ररी पकड़ी है. जहां से बड़ी संख्या में निर्मित, अर्द्ध-निर्मित तमंचा, उपकरण, औजार और मशीनें बरामद की हैं. मौके से दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

पूंछ थानाध्यक्ष जेपी पाल, उप निरीक्षक दलबीर सिंह, अनुज यादव पुलिस बल के साथ क्षेत्र में गश्त कर रहे थे. तभी मुखबिर की सटीक सूचना पर हाईवे के नजदीक एक बंद पड़े ढाबा के तलघर में छापा मारा. जहां अवैध असलहा बनाने का काम चल रहा था. फैक्ट्ररी में बड़ी में सामान बरामद हुआ है. थाना प्रभारी जेपी पाल ने बताया कि मौके से दो को पकड़ा है. उन्होंने अपना नाम मंगल लोधी निवासी अतरौली हमीरपुर व उद्धव प्रसाद निवासी बरधा बताया है. मौके से चार तमंचा अर्धनिर्मित 315 बोर, एक अर्धनिर्मित तमंचा 12 बोर, दो चालू हालत तमंचा 315 बोर, लोहा की नालें (छोटी-बड़ी 315 बोर), दो जिंदा कारतूस 315 बोर, एक जिंदा कारतूस 12 बोर सहित अवैध शस्त्रत्त् बनाने के उपकरण बरामद किए गए हैं. बताया, इनसे पूछताछ की जा रही है. यहां से अवैध रूप से असलहा बनाकर बेचे जाते थे. दोनों को गिरफ्तार कर उनके विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर न्यायालय पेश किया है. जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया है. इस दौरान नाजिम खान, अजमतुल्लाह, रणजीत सिंह, कांस्टेबल अजीत कुमार, योगेंद्र सिंह, बृजेश कुमार सहित अन्य स्टॉफ मौजूद रहा.

पानी को तरस रहे साढ़े तीन सौ परिवार: जिला मुख्यालय से लेकर कस्बा और ग्रामीण इलाकों तक विद्युत आपूर्ति ध्वस्त है. जिसकी वजह से पेयजल आपूर्ति भी ठप पड़ी है. शहर के सिद्धन रोड पर आईटीआई के पास स्थित कांशीराम कॉलोनी की एक दर्जन से अधिक लोग अपने इलाके के पार्षद मुस्तफा के साथ जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे, जहां उन्होंने जिलाधिकारी के नाम ज्ञापन देकर इलाके की काशीराम कॉलोनी के साथ-साथ उस इलाके के अन्य लोगों की ध्वस्त जल आपूर्ति को सुचारू कराए जाने की मांग उठाई. काशीराम कॉलोनी में रहने वाले लोगों का आरोप है कि वहां पर जो एक पंप ऑपरेटर तैनात किया गया है वह शराबी किस्म का है और मनमाने तरीके से काम करता है. इतना ही नहीं वह कॉलोनी के पंप हाउस में कभी नहीं आता, बल्कि एक दिव्यांग महिला प्राइवेट कर्मचारी को थोड़े से पैसे देकर वहां की मोटर ऑपरेट करवाता है, जो कभी भी समय पर नहीं होती और लापरवाही के कारण हर चौथे दिन मोटर जल जाती है.

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