उत्तर प्रदेश

पोस्टर स्टंट करने के आरोप में पुलिस ने की कार्रवाई 6 BJP कार्यकर्ता गिरफ्तार भाजपा कार्यकर्ताओं का थाने में आना मना है

Khushboo Dhruw
28 May 2022 4:51 PM GMT
पोस्टर स्टंट करने के आरोप में पुलिस ने की कार्रवाई  6 BJP कार्यकर्ता गिरफ्तार भाजपा कार्यकर्ताओं का थाने में आना मना है
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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में मेरठ जिले के थाने पर आपत्तिजनक पोस्टर लगाने वाले मामले में पुलिस का बड़ा एक्शन देखने को मिला है. जहां पर पुलिस की छवि धूमिल करने वाले 10-15 लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है. इस मामले में मेरठ पुलिस ने शनिवार को 6 बीजेपी कार्यकर्ताओंको गिरफ्तार किया गया. जहां बीते एक दिन बाद उनके द्वारा एक पुलिस स्टेशन के बाहर लगाए गए एक पोस्टर ने सोशल मीडिया पर धूम मचा दी. जिसके बाद सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) और विपक्ष के नेता अखिलेश यादव ने ट्विटर पर निशाना साधा था. बता दें कि, पोस्टर में लिखा था कि बीजेपी कार्यकर्ताओं को पुलिस थाने में प्रवेश करने की अनुमति नहीं है. जिसमें थाना प्रभारी संत सरन सिंह का भी नाम था

दरअसल, द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, इस मामले में SSP प्रभाकर चौधरी ने बताया कि शुक्रवार को एक प्रॉपर्टी खाली कराने के लिए मेडिकल थाना पुलिस पर कुछ लोग जबरन दबाव बना रहे थे.जिसमें बीजेपी कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए और शुक्रवार को थाने पहुंचे. उन्होंने कहा कि वे खुद को बीजेपी का कार्यकर्ता बताने वाले इन्हीं लोगों ने थाने के बाहर एक पोस्टर लगा दिया था. साथ ही वे थाना प्रभारी पर अनुचित पक्ष लेने के लिए दबाव बनाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन जब इनकार कर दिया गया. तब पार्टी के कुछ कार्यकर्ताओं ने ध्यान खींचने के लिए पुलिस थाने के बाहर पोस्टर लगा दिया था. जिसमें उन्होंने इस पोस्टर पर लिखा था, "भाजपा के कार्यकर्ताओं का आना मना है."
पूर्व CM अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कसा तंज
ऐसे में जैसे ही पोस्टर के साथ उनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुईं, यूपी के मुख्यमंत्री के आधिकारिक हैंडल से एक ट्वीट में कहा गया, पिछली सरकार के कार्यकाल के दौरान पुलिस थानों और तहसीलों को (सत्तारूढ़ पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए) गिरवी रखा जाता था. लेकिन बीजेपी का कोई भी कार्यकर्ता कभी भी किसी भी अनुचित लाभ के लिए थाने या तहसील नहीं जाता है. जिसके बाद रात में, सपा नेता अखिलेश यादव ने पोस्टर की एक तस्वीर को टैग किया और ट्वीट किया, पिछले छह वर्षों में ऐसा पहली बार हुआ है कि सत्ताधारी पार्टी के कार्यकर्ताओं को पुलिस स्टेशन से रोक दिया गया है. यह वास्तव में भाजपा सरकार का बहुप्रचारित सुशासन है.
घंटों बीतने के बाद पुलिस ने BJP कार्यकर्ताओं के खिलाफ दर्ज की FIR
पुलिस के मुताबिक, पिछले साल अक्टूबर में अपने पति की मौत के बाद ससुराल वालों के साथ संपत्ति विवाद में लिप्त एक महिला की मदद करने की मांग को लेकर बीजेपी के करीब 1 दर्जन कार्यकर्ता दिन में पहले थाने पहुंच गए थे. इस दौरान थाना प्रभारी संत सरन सिंह ने कहा कि उन्होंने महिला और उसके ससुराल वालों को थाने में सुलह कराने के लिए बुलाया था.लेकिन कुछ राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने एक पोस्टर लगाकर माहौल बनाया और महिला के लिए अनुचित पक्ष की मांग करते हुए थाने के अंदर धरने पर बैठ गए. उन्होंने बाउंड्री वॉल पर पोस्टर भी लगा दिया और पुलिस विरोधी नारे लगाने लगे. जिसके बाद मैंने उन्हें समझाने की कोशिश की कि इस मुद्दे को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाया जा सकता है. लेकिन वे अपनी मांग पर अड़े रहे.
SP सिटी बोले- मामले की जांच-पड़ताल की जा रही
वहीं, मेरठ के SP सिटी विनीत भटनागर का कहना है कि इस पूरे मामले की जांच-पड़ताल की जा रही है. उन्होंने कहा कि पोस्टर कहां छपवाया गया, कैसे यहां लाया गया और यहां पर आकर किसने थाने की दीवार पर चिपकाया? इन सभी बातों का खुलासा किया जा रहा है और आरोपियों के खिलाफ नियमानुसार कानूनी कार्यवाही की जा रही है.बता दें कि इस मामले में 4 नामजद और 10-15 अज्ञात लोगों के खिलाफ गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया गया है. SP सिटी ने बताया कि आगे इसमें विवेचना की जा रही है. अन्य आरोपियों को भी जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा.


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