उत्तर प्रदेश

थानों के मालखाने हुए डिजिटल, चूहे नहीं खा पाएंगे गांजा

Admin Delhi 1
8 July 2023 11:53 AM GMT
थानों के मालखाने हुए डिजिटल, चूहे नहीं खा पाएंगे गांजा
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मथुरा न्यूज़: अब थानों के मालखाने में रखे मुकदमा से संबंधी सामान आसानी से ढूंढा जा सकेगा। अब न तो वहां रखे गांजे को चूहे खा सकेंगे और ना ही शराब के पाउच से शराब गायब हो सकेगी। जिले के सभी थाने के मालखाने डिजिटल हो गये हैं। इनमें लगायी गयी रैक में डिब्बों में मुकदमा से संबंधित सामान को रख कर क्यूआर कोड लगाया जा रहा है। इससे दस्तावेजों का रखरखाव सही हो जाएगा। इसे स्कैन करते ही उसका पूरा ब्योरा कम्प्यूटर की स्क्रीन पर होगा।

अक्सर देखा जाता था कि थाने के मालखाने से पाउच, थैली वाली शराब, गांजा, अफीम आदि नशे की वस्तुओं को चूहे खा पी जाते थे। कुछ सामान भी गायब होता था। इतना ही नहीं थाने से हेड मुंशी के दूसरे स्थान पर तबादला होने पर वहां आने वाले हेड मुंशी को मालखाने का चार्ज संभलवाकर देने में काफी दिक्कतें होती थीं। बिना माल की गिनती के हेड मुंशी चार्ज नहीं लेते थे। ऐसी स्थिति में कई बार मालखाने लंबे समय तक प्रभारी विहीन रहते हैं। इससे मुकदमों की विवेचना प्रभावित होती है। अक्सर माल गायब होने व प्रभारी के खिलाफ मुकदमे दर्ज होने के मामले भी सामने आते रहे हैं। इस प्रकार की दिक्कतों को ध्यान में रखते हुए शासन के निर्देश पर प्रदेश के सभी थानों के मालखानों का डिजिटलाइजेशन कराया जा रहा है। एसएसपी शैलेश कुमार पांडेय के निर्देश पर जिले के सभी थाना पुलिस ने अपने-अपने थानों के मालखानों को डिजिटल करा दिया है।

मालखाने इस तरह हुए हैं डिजिटल थानों में कार्यालय आदि के अलावा मालखाना कक्ष अलग से होता है। इसमें चोरी, लूट, लावारिस के अलावा विभिन्न मुकदमों से संबंधित सामान को सुरक्षित रखा जाता है। इसमें जरूरत के हिसाब से रैक थानों को उपलब्ध करा दी गयी हैं। इन रैकों के पीछे कुछ थानों ने दीमक, सीलन आदि से सुरक्षा को शीशा लगवाये गये हैं और प्लास्टिक के डिब्बों में मुकदमा से संबंधित सामान को रखने के बाद क्यूआर कोड चस्पा किया जा रहा है।

बार कोड में होगी पूरी जानकारी पुलिस द्वारा बताया गया कि माल पर चस्पा बार कोड में उसकी पूरी जानकारी (अपराध संख्या, प्रकृति, वजन आदि) होगी। बार कोड स्कैन करते ही यह ब्योरा सामने आ जाएगा। माल का निस्तारण होते ही कंप्यूटर में उसे भी दर्ज कर दिया जाएगा। इस तरह कागजी बोझ कम होगा। प्रभार बदलने के दौरान भी समस्या नहीं होगी।

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