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पुलिस बोली- ऐसा कुछ नहीं, बहुचर्चित घोटालेबाज सचिव की गिरफ्तारी का शोर
जनपद में सरकारी कार्य मे घोटालेबाजी करने में चर्चित रहे ग्राम विकास अधिकारी की गिरफ्तारी का सोशल मीडिया पर शोर मच गया। किसी पुराने मामले में कोतवाली की सिविल लाइन चौकी पुलिस द्वारा उसको पकड़ने की बात कही गई। हर तरफ मामला चर्चा का विषय बना रहा, लेकिन पुलिस इसे सिरे से नकार गई और अनभिज्ञता जताई। जिससे इसे साफ तौर पर अफवाह करार दे दिया गया।
पूरनपुर ब्लाक की शारदा पार की ग्राम पंचायतों में घोटाले की एक शिकायत के बाद चार साल पहले जांच कराई गई। जिसमें सामने आया था कि 500 से अधिक शौचालय और आवास की रकम सचिव ने हजम कर की। इस मामले में एफआईआर भी हुई थी। इसके अलावा शासन ने भी संज्ञान ले कर जांचे कराई थीं। सचिव के कई अन्य घोटाले भी जगजाहिर थे।
उसकी सेवा पुस्तिकाओं को भी कई बार शासन ने तलब किया था। मगर, उसकी गिरफ्तारी नहीं हो सकी। निलंबित होने के चंद दिन बाद ही बहाली भी हो गयी। विजिलेंस जांच भी चल रही है। वारंट जारी होने के बाद बुधवार को उसे कोतवाली की सिविल लाइन पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने का शोर मचा तो प्राशासनिक अमले में भी खलबली मच गई। एक बड़े अफसर ने ने भी जानकारी की। वह जनपद से बाहर गए हुए थे। इसके अलावा पुलिस अधिकारी अनजान दिखे।ऐसे में इस वायरल मेसेज की पुष्टि नहीं हो सकी।
तो सेटिंग करके तो नहीं छोड़ दिये गए घोटालेबाज साहब
इस मामले में सिविल लाइन चौकी के एक दरोगा जी द्वारा घोटालेबाज साहब को पकड़ने की बात सोशल मीडिया पर वायरल मेसेज में कही गयी। अफसर तो अनभिज्ञता जता ही रहे थे, इसी बीच कोतवाल नरेश त्यागी से पुष्टि करने को बात की गई। उन्होंने इसे गलत बताया। साथ ही वायरल मेसेज में दिए गए दरोगा मनवीर सिंह के नाम पर कहा कि इस नाम का कोई दरोगा उनके यहाँ नही है। उधर चर्चाएं कुछ और ही रही।
एएसपी और सीओ बोले- हमारी जानकारी में नहीं
इस पूरे चर्चित मामले को लेकर एएसपी डॉ पवित्र मोहन त्रिपाठी और सीओ से बात की गई। उनका कहना था कि ऐसे किसी मामले का उन्हें नही पता। एएसपी का कहना था कि कोई सूचना थाना स्तर से उन्हें नहीं दी गयी है।