उत्तर प्रदेश

पुलिस की नायरा पंप प्रकरण में फरार आठ आरोपियों की तलाश में दबिशें शुरू

Admin Delhi 1
10 Nov 2022 8:41 AM GMT
पुलिस की नायरा पंप प्रकरण में फरार आठ आरोपियों की तलाश में दबिशें शुरू
x

मेरठ न्यूज़: नायरा के पेट्रोल पंपों पर घटतौली और मिलावट के धंधे में रिटायर डीआईजी महेश मिश्रा के बेटे सुशांत मिश्रा का नाम सामने आने के बाद पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेना शुरू कर दिया है। पुलिस का कहना है कि सभी आरोपियों पर चार्जशीट लगने के बाद गैंगस्टर के तहत भी कार्रवाई की जा सकती है। जिला आपूर्ति विभाग की जांच में गड़बड़ी पाये जाने के बाद ही विभिन्न थानों में मुकदमा दर्ज कराया गया था। एसटीएफ मेरठ ने गुरुवार को नायरा कंपनी के 11 पेट्रोल पंप पर एक साथ छापा मारा था। सैनी इंचोली स्थित रॉयल फिलिंग स्टेशन, परतापुर स्थित चंद्रप्रकाश एंड संस, हस्तिनापुर स्थित सिद्धबली फिलिंग स्टेशन, माधवपुरम स्थित सालासर और बागपत के सिंघावली अहीर में पेट्रोल पंप पर डिवाइस लगाकर घटतौली और मिलावट का खेल पकड़ा गया था। डिवाइस लगाने के आरोपी देवेंद्र को परतापुर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।

वहीं, तीन पेट्रोल पंप मालिकों ऐश्वर्या गुप्ता, राकेश गुप्ता, अवनीश गोयल समेत सात आरोपियों को जेल भेजा जा चुका है। पुलिस ने अब कार्रवाई करते हुए मिलावट और घटतौली करने वाले पांच पेट्रोल पंप मालिकों समेत 15 आरोपियों पर गैंगस्टर लगाने की तैयारी शुरू कर दी है। पुलिस बहुत जल्द इन आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करेगी। मिलावटी और घटतौली के मामले में आपूर्ति विभाग की मामूली कार्रवाई का मामला शासन तक पहुंचा था। के बाद तत्काल पहले पर्चे में ही पुलिस ने धाखाधड़ी और मिलावट की धाराएं बढ़ा दी है। उक्त धाराओं में गैरजमानती अपराध बनता है। ऐसे में आसानी से जमानत नहीं मिल पाएगी। पुलिस का दावा है कि फरार आठ आरोपियों की तलाश में पुलिस ने कई जगह पर दबिश दी है, लेकिन कोई हत्थे नहीं चढ़ा। वहीं, मैकेनिक देवेंद्र उर्फ सतेंद्र को परतापुर पुलिस ने कोर्ट में पेश किया जहां से उन्हें जेल भेज दिया था।

हस्तिनापुर थाने में रिटायर डीआईजी महेश मिश्रा के बेटे सुशांत मिश्रा की तलाश में पुलिस दबिशों की तैयारी कर रही है। पुलिस का मानना है कि पंपों पर जिस तरह की गड़बड़ियां पाई गई है वो सारी सुशांत की जानकारी में थी। इस कारण पुलिस का पूरा फोकस सुशांत पर आकर टिक गया है। वहीं, डीएसओ वी के सिंह का कहना था कि जिस तरह से पंप स्वामियों ने मशीनों में इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरण लगा रखे थे। ऐसे में जांच के लिए एक्सपर्ट की जरूरत होती है। जांच टीम में इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों की जांच करने वाला कोई नहीं था। सवाल है कि पंपों के टैंक भी सही चेक नहीं किए गए थे। क्योंकि टैंकों में ही पेट्रोल और डीजल की मात्रा स्टाक से काफी अधिक मिली है। ऐसे में जांच टीम पर भी शासन स्तर पर कार्रवाई हो सकती है।

प्रसपा के पदाधिकारी आईजी से मिले: प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के पदाधिकारी बुधवार को आईजी कार्यालय पहुंचे। शैंकी वर्मा के नेतृत्व में पहुंचे पदाधिकारियों ने कहा कि आईटी एक्ट लगाकर आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए। इसके साथ ही सभी आरोपियों की संपत्ति की जांच हो और भ्रष्टाचार से अर्जित की गई संपत्ति जब्त की जाए। आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट में कार्रवाई करते हुए समय-समय पर छापेमारी की जाए। इस दौरान विपिन चौधरी, यासीन अंसारी, दीपक सिरोही, लोकेश चौहान, जीशान अहमद, दानिश राणा आदि मौजूद रहे।

Next Story